प्रयागराज (यूपी) । उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के अधिकारियों की एक पहल की बदौलत वर्षों से रेलवे पटरियों के आसपास रहने वाले गरीबों की जीवनशैली में अब बदलाव आएगा।
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इस कार्य की शुरुआत में रेलवे ट्रैक के अलावा अस्थायी झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों को शिक्षित करने की तैयारी की जा रही है।
इन निवासियों के बच्चों को शिक्षा और अच्छा जीवन प्रदान करने के लिए एनसीआर ने भारत रेल विद्या फेलोशिप के तहत एक योजना तैयार की है।
इसके लिए उत्तर प्रदेश में एनसीआर के प्रयागराज डिवीजन, भारत स्काउट्स एंड गाइड्स और ड्रीम्स वीवर्स एसोसिएशन (आरडीडब्ल्यूए) ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
अधिकांश शहरों में हजारों लोग रेल पटरियों के आसपास झोपड़ियां बनाकर खानाबदोश तरीके से रहते हैं। यहां रहने वाले बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। रेलवे ट्रैक के पास रहने वाले बच्चों की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए एनसीआर ने पहल की है।
एनसीआर के प्रयागराज मंडल ने पहले चरण में पांच प्रमुख शहरों का चयन किया है। चयनित शहर हैं-प्रयागराज, मिर्ज़ापुर, कानपुर, टुंडला (आगरा) और अलीगढ।
प्रयागराज मंडल के रेल कर्मियों के नेतृत्व में भारत स्काउट्स एंड गाइड्स और ड्रीम्स वीवर्स एसोसिएशन की संयुक्त टीम सबसे पहले रेलवे ट्रैक के आसपास रहने वाले लोगों की सूची तैयार करेगी।
इसके बाद बच्चों को उनकी उम्र के हिसाब से स्कूलों में दाखिला दिया जाएगा। छोटे बच्चों के लिए कक्षाएं उनके घर के पास ही लगेंगी। पारिवारिक आय का ब्योरा भी जुटाया जाएगा। उन्हें रोजगार के अवसर और जानकारी दी जायेगी।
इसी तरह इन परिवारों के बीमार सदस्यों को अस्पताल ले जाकर इलाज कराया जाएगा। उन्हें स्वच्छता के प्रति प्रेरित किया जाएगा और दैनिक उपयोग की वस्तुएं दी जाएंगी।
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