फर्रुखाबाद। कस्बा कायमगंज के हमीरपुर लालबाग में हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक सूफी संत हज़रत बाबा जूही शाह रहमतुल्लाह अलैह के 67वें सालाना उर्स का शानदार और रूहानी समापन कुल शरीफ के साथ सम्पन्न हुआ। इस मौके पर हजारों अकीदतमंदों की मौजूदगी ने एक बार फिर यह पैगाम दिया कि मजहब इंसानियत से ऊपर नहीं।
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उर्स का आगाज़ मुख्य अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. शरद गंगवार की शिरकत के साथ हुआ। महफिले समा में सूफियाना कलामों की गूंज ने फिजाओं को रूहानी रंगत बख्श दी। शमसाबाद के मशहूर कव्वाल मतलूब मंसूर नियाज़ी ने अपने कलामों से समां बांध दिया, तो बरेली के उवैस फैज़ ब्रदर्स और फिरोजाबाद के अनस चिश्ती एंड ब्रदर्स ने भी अपने कलामों से महफिल को चार चांद लगा दिये।
महफिले समा पूरी रात जारी रही, जहां सूफियाना कलामों के जरिए मोहब्बत, अमन और भाईचारे का पैगाम दिया गया। सोमबार सुबह कुल शरीफ के आयोजन के साथ उर्स का समापन हुआ। इस मौके पर अकीदतमंदों ने मज़ार शरीफ पर चादरपोशी कर दुआ मांगी।
इस पवित्र अवसर पर सज्जादानशीन सूफ़ी संत मुशीर अहमद क़ादरी चिश्ती वारसी की सरपरस्ती रही। उनके अलावा मुफ़्ती मुनीर अहमद, मौलाना यासिर खान, मौलाना इमामुद्दीन साबरी, आमिर हुसैन, हाफ़िज़ आज़म रज़ा, हाफ़िज़ रिफत, सैय्यद जमाल अली समेत बड़ी संख्या में हिन्दू-मुस्लिम समाज के गणमान्य जन मौजूद रहे।
इस मौके पर शैलू वर्मा, पवन बाथम, धनेश गौड़, शिवकांत मिश्रा, सनी बाथम, सनी यादव, आसिफ मंसूरी, तौहीद अहमद, तमहीद अहमद, बबलू सिद्दीकी, ज़मीर अहमद, अमरेश गंगवार, विशाल शाक्य, शाहिद, फरज़ान, हरिओम भारद्वाज, मोमिन, राजू मिर्ज़ा, हनीफ राईन, करण भारद्वाज की उपस्थिति से माहौल और भी रौशन हुआ।
आख़िर में कुल शरीफ की रस्म के साथ दुआ हुई कि देश में अमन, भाईचारा और सुकून हमेशा कायम रहे। सूफियाना महफिल और बाबा जूही शाह की दरगाह से उठी इन दुआओं ने हर दिल में इंसानियत की शमा फिर से रौशन कर दी।
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