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किडनी की बीमारी से ग्रसित मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हुई कोविड वैक्सीन: रिसर्च

Covid vaccine proved beneficial for patients suffering from kidney disease: Research - Health Tips in Hindi

नई दिल्ली । यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया-लॉस एंजिल्स (यूसीएलए) ने शुक्रवार को एक नई रिसर्च की रिपोर्ट जारी की। इस रिसर्च के मुताबिक, जिन मरीजों को कोविड वैक्सीन लगी हुई थी और उन्हें कोरोना के दौरान एक्यूट किडनी इंजरी यानी किडनी संबंधित बीमारी हुई, उनकी हालत बिना वैक्सीन वाले मरीजों से बेहतर रही। शोधकर्ताओं ने रिसर्च में पाया कि जिन मरीजों को पहले से कोरोना की वैक्सीन लगी हुई थी, उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद डायलिसिस की जरूरत कम पड़ी। वैक्सीन न लेने वाले मरीजों की तुलना में उनकी जान बचने की संभावना ज्यादा रही।
एक्यूट किडनी इंजरी (एकेआई) कोरोना से संक्रमित लोगों में काफी आम है। रिसर्च के अनुसार, लगभग 46 प्रतिशत मरीजों को यह समस्या हो सकती है। यह बीमारी किडनी के काम में कमी ला सकती है, अगर ज्यादा गंभीर हो जाए, तो मरीज को डायलिसिस की भी जरूरत पड़ सकती है। अब तक डॉक्टरों को यह पूरी तरह से समझ नहीं आया कि जिन मरीजों को कोरोना और एकेआई दोनों हैं, उनके आगामी जीवन पर इसका क्या असर पड़ता है।
पीयर-रिव्यूड जर्नल किडनी मेडिसिन में प्रकाशित इस रिसर्च के नतीजे से पता चलता है कि कोविड वैक्सीन लगवाने से उन मरीजों में, जिन्हें कोरोना के दौरान एकेआई हुआ था, उनमें ताकत कम होने का खतरा घट जाता है और मौत का खतरा भी कम हो जाता है।
यूसीएलए में डेविड गेफेन स्कूल ऑफ मेडिसिन में मेडिसिन की एसोसिएट प्रोफेसर और प्रमुख लेखक डॉ. निलोफर नोबख्त ने कहा, "कोविड वैक्सीन एक जरूरी उपाय है जो एकेआई से ग्रसित मरीजों में गंभीर जटिलताएं होने के खतरे को कम कर सकती है।"
नोबख्त ने आगे कहा, "लोगों को अपने डॉक्टर से बात करके यह समझना चाहिए कि कोविड वैक्सीन लगवाना क्यों फायदेमंद है। क्योंकि वैक्सीन लगवाने से डायलिसिस की जरूरत पड़ने का खतरा कम हो जाता है। यह लंबी और बेहतर जिंदगी के लिए एक जरूरी कदम है।"
शोधकर्ताओं ने करीब 3,500 ऐसे मरीजों का विश्लेषण किया, जो 1 मार्च 2020 से 30 मार्च 2022 के बीच कोविड की वजह से अस्पताल में भर्ती हुए थे।
उन मरीजों में से 972 मरीजों को एकेआई की समस्या थी। इनमें से 411 मरीज (लगभग 42 प्रतिशत) ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी, और 467 मरीज (लगभग 48 प्रतिशत) को कम से कम 2 डोज फाइजर या मॉडर्ना वैक्सीन की, या एक डोज जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन लगी थी।
उन्होंने पाया कि 65 बिना वैक्सीन वाले मरीजों (15.8 प्रतिशत) को गुर्दे प्रतिस्थापन चिकित्सा (सीआरआरटी) नामक खास तरह की डायलिसिस की जरूरत पड़ी, जबकि सिर्फ 51 वैक्सीन लगे हुए मरीजों (10.9 प्रतिशत) को ही सीआरआरटी की जरूरत पड़ी। बता दें कि सीआरआरटी एक ऐसी डायलिसिस प्रक्रिया है जो बहुत गंभीर रूप से बीमार मरीजों को दी जाती है, खासकर आईसीयू में।
रिसर्च में यह भी पाया गया कि जिन मरीजों ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी, उन मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद सीआरआरटी की जरूरत 2.56 गुना ज्यादा थी, अस्पताल में मरने का रिस्क 5.54 गुना ज्यादा था, और टीकाकरण वाले मरीजों की तुलना में मौत का रिस्क 4.78 गुना अधिक था।
--आईएएनएस

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Web Title-Covid vaccine proved beneficial for patients suffering from kidney disease: Research
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Tags: kidney disease, covid, kidney
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