मंडी। मंडी के डा. कमल प्यासा के पास सिक्कों का अनूठा संग्रह मौजूद है। उनके संग्रह में करीब छह हजार से अधिक दुर्लभ सिक्कों का भंडार है। डा. कमल प्यासा भले ही उम्रभर विज्ञान छात्र और अध्यापक रहे मगर उनका शॉक इतिहास की परतों को खंगालने का है। सिक्कों को जमा करने का शॉक उन्हें बचपन से ही था। आगे चलकर यही शॉक जुनून की हद तक पहुंच गया। जहां कहीं भी खुदाई में सिक्के निकलते उन्हें हासिल करने पहुंच जाते और नहीं तो सुनारों के पास जाकर पुराने और दुर्लभ सिक्कों को खरीद लाते। उनके पास दुर्लभ सिक्कों का अनमोल संग्रह हो गया। [@ वर्ष 2016: डोनाल्ड ट्रंप ने रचा इतिहास, विवादों के साथ बने US के 45वें राष्ट्रपति ]
डा. कमल प्यासा के संग्रह में कुषाण काल यानी पहली और दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व के सिक्के मौजूद हैं। इसके अलावा द्वित्तीय शताब्दी के आहत पंचमार्ग, गादिया, मुगल कालीन, पादशाही, जनजातीय, भारतीय रियासतों और दुनिया के कई देशों के सिक्कों का भंडार उनके पास है। डा. कमल प्यासा का मानना है कि सिक्कों में अपने समय का इतिहास परिलक्षित होता है। यही नहीं सिक्कों के माध्यम से ही शासनतंत्र की आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक, कला और वैभव का भी पता चलता है। उनका कहना है कि कुषाणकाल के सिक्कों में बैल, त्रिशूल आदि की आकृतियां हैं। वहीं पर आहत पंचमार्ग के सिक्कों में चांद, सूरज, पहाड़ी, स्वास्तिक आदि के निशान अंकित हैं। उसी प्रकार जनजातीय सिक्कों में भी उसी जनजाति के चिन्ह अंकित हैं। मुगलकालीन सिक्कों में कुरान की आयतें हैं तो पादशाही सिक्कों में पत्तों के निशान अंकित हैं। सिक्कों पर शासक की तस्वीर अंकित करने का चलने ब्रिटिशकालीन दौर में शुरू हुआ है। यहां तक कि मंडी रियासत के अंतिम शासक राजा जोगिंद्र सेन की ओर से प्रदान किए जाने वाले चांदी के मैडल में राजा जोगिंद्रसेन की तसवीर अंकित है।
डा. कमल प्यासा के संग्रह में आजादी से पूर्व की कई रियासतों के अपने सिक्के मौजूद हैं। वहीं पर दुनिया भर के कई देशों में प्रचलित सिक्कों का भंडार कमल प्यास के इस दुर्लभ संग्रह में मौजूद है, जो शोध के कई द्वार खोलता है। यही नहीं अपने देश में प्रचलित, आना, थेला, टक्का, पांच पैसे, दस पैसे, बीस, पचीस, पचास और एक रूपए के कई प्रकार के सिक्के यहां मौजूद हैं। इसके अलावा तांबा, अष्टधातू, चांदी और सोने के सिक्कों से उस काल की शासन व्यवस्था और रियासतों और शासकों के वैभव को देखने समझने का अवसर प्राप्त होता है।
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