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क्या होगा यदि चीनी पूरी तरह से छोड़ दी जाए?

What happens if sugar is completely avoided? - Jaipur News in Hindi

बिलकुल! अब आप ज़रा कल्पना कीजिए—अगर एक दिन सुबह उठते ही आपने ठान लिया कि “अब से मैं एक भी दाना चीनी नहीं खाऊँगा”, तो क्या होगा? क्या शरीर कमजोर हो जाएगा? क्या थकावट या चक्कर आने लगेंगे? या फिर आप और ज्यादा फिट, हल्का और ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे? आइए, इस प्रश्न का गहराई से, विस्तार से और पूरे वैज्ञानिक और जीवन अनुभवों पर आधारित अंदाज़ में जवाब दें। ध्यान रहे, हम यहाँ “चीनी” से मतलब ले रहे हैं “रिफाइंड शुगर” यानी सफेद, प्रोसेस्ड और पैकेट में मिलने वाली चीनी से- जो चाय, मिठाई, बिस्किट, कोल्ड ड्रिंक और लगभग हर पैकेज्ड फूड में होती है।
चीनी पूरी तरह से छोड़ देने पर क्या होगा?
शरीर को कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि फायदे होंगे। मानव शरीर को कार्य करने के लिए “ग्लूकोज़” की ज़रूरत होती है, “रिफाइंड शुगर” की नहीं। ध्यान रहे, ग्लूकोज़ हमें फल, सब्ज़ियाँ, दालें, चावल, रोटी, दूध, और यहाँ तक कि ड्राई फ्रूट्स से भी भरपूर मात्रा में मिल जाता है। मतलब, अगर आप रिफाइंड चीनी को बिल्कुल छोड़ दें, तो भी शरीर को उसकी ज़रूरत की एनर्जी मिलती रहेगी। बल्कि इससे शरीर को लगातार ब्लड शुगर स्पाइक्स (उतार-चढ़ाव) से राहत मिलेगी और इंसुलिन सिस्टम सुधरेगा।
शुरुआत में थोड़ी परेशानी हो सकती है- लेकिन ये Withdrawal है, बीमारी नहीं। चीनी एक तरह से "एडिक्टिव ड्रग" की तरह काम करती है। जब आप इसे अचानक बंद करते हैं, तो दिमाग को कुछ दिनों तक सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, या मीठा खाने की तीव्र इच्छा हो सकती है। लेकिन 7–10 दिन में यह सब शांत हो जाता है। और फिर आपका स्वाद सुधरता है- फल मीठे लगने लगते हैं, चाय बिना चीनी के भी अच्छी लगने लगती है।
आपके चेहरे पर निखार आएगा, पेट की चर्बी घटेगी, नींद सुधरेगी। रोज़ाना रिफाइंड चीनी का सेवन शरीर में इंफ्लेमेशन (सूजन), कोलेजन ब्रेकडाउन (जिससे झुर्रियाँ आती हैं), और वज़न बढ़ने का कारण बनता है। जब आप इसे छोड़ देते हैं, तो स्किन क्लियर होती है, आंखें चमकने लगती हैं और पेट अंदर जाने लगता है। आपको ज़्यादा गहरी और शांत नींद आती है, क्योंकि शुगर का असर नींद के हार्मोन मेलाटोनिन पर भी होता है। डायबिटीज, मोटापा और हार्ट डिजीज़ का रिस्क घटता है।
रोज़ाना थोड़ी-थोड़ी मात्रा में ली गई चीनी भी धीरे-धीरे इंसुलिन रेजिस्टेंस और मेटाबॉलिक डिसऑर्डर पैदा कर सकती है। जब आप इसे छोड़ते हैं, तो आपका शरीर फिर से इंसुलिन के प्रति संवेदनशील होने लगता है। ये एक तरह से शरीर को “रीसेट” करने जैसा है।
क्या शरीर को थोड़ी सी चीनी लेना अनिवार्य है?
नहीं। किसी भी अवस्था में रिफाइंड चीनी लेना अनिवार्य नहीं है। शरीर को एनर्जी की ज़रूरत होती है, और वह एनर्जी हमें प्राकृतिक रूप से मिलने वाले कार्बोहाइड्रेट स्रोतों से मिलती है। मतलब- फल खाइए, दूध लीजिए, गुड़ या शहद की कभी-कभार थोड़ी मात्रा भी ले सकते हैं। लेकिन “शक्कर”- जो बाजार में बिकती है, उसकी कोई पोषणात्मक आवश्यकता नहीं है। लेकिन अगर मीठा खाना बहुत ज़रूरी लगे तो?
तो इसके ये स्वस्थ विकल्प चुनिए:
गुड़ – आयरन से भरपूर
शहद – एंटीबैक्टीरियल
खजूर/अंजीर/किशमिश – फाइबर और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर स्टीविया – नेचुरल कैलोरी-फ्री स्वीटनर
चीनी छोड़ना कोई त्याग नहीं, बल्कि उपहार है अपने शरीर को। जब आप रिफाइंड शुगर छोड़ते हैं, तो आप ना केवल बीमारियों से दूरी बनाते हैं बल्कि: अपनी इम्यूनिटी बढ़ाते हैं। मानसिक स्पष्टता पाते हैं। पाचन में सुधार लाते हैं। आत्मविश्वास महसूस करते हैं। इसलिए अगली बार कोई पूछे – "थोड़ी सी चीनी तो लेनी चाहिए ना?" तो मुस्कराइए और कहिए – "थोड़ी सी मिठास ज़रूर ज़रूरी है, लेकिन वो दिल में होनी चाहिए, प्लेट में नहीं।"

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