झुंझुनूं।
जिले का सबसे बड़े महिला चिकित्सालय में शनिवार को फिर बड़ी अव्यवस्था नजर
आई। हाजिरी लगाकर कुछ चिकित्सक अस्पताल छोडक़र चले गए और मरीज उनका इंतजार
करते रहे। करीब तीन सौ मरीज चिकित्सकों का इंजतार करते रहे, लेकिन दोपहर 12
बजे तक चिकित्सक अस्पताल नहीं पहुंचे। इसे अधिकारियों की लापरवाही कहें या
चिकित्सकों की हठधर्मिता, लेकिन गरीब आदमी सरकारी चिकित्सालय में आते हैं
और उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल रहा है। वहीं सरकार गरीबों को राहत
पहुंचाने के लाख दावे करें, लेकिन खास तौर से झुंझुनूं में तो ऐसा नजर नहीं
आ रहा। दो दिन पहले इसी चिकित्सालय में एक प्रसूता को बाहर निकाल दिया था,
इससे प्रसूता ने अस्तपाल के गेट पर बाहर खुले में ही बच्चे को जन्म दिया,
इस लापरवाही के कारण बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई थी। तीन दिन पहले
चिड़ावा के सरकारी अस्पताल में भी चिकित्सक ने एनेस्थिया देने से मना कर
दिया था, इसलिए एक प्रसूता का ऑपरेशन नहीं हो पाया और बच्चे की मौत हो गई
थी।
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