सेंटर संचालक पर आरोप, छात्रों ने जिलाधिकारी से कार्रवाई की मांग की
बलिया। बलिया में ओ लेवल की प्रेक्टिकल परीक्षा में छात्रों से पैसे की मांग करने का मामला सामने आया है। छात्र-छात्राओं ने सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि उन्हें परीक्षा देने के लिए लगभग 5000 रुपये की नगद राशि हर परीक्षा के लिए जमा करने का दबाव डाला गया। इसके बाद छात्रों ने इस संस्थान के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए जिलाधिकारी को एक पत्र सौंपा और उक्त सेंटर को ब्लैक लिस्टेड करने की अपील की।
छात्रों का कहना है कि वे सभी डॉ. गणेशी प्रसाद सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान बलिया से ओ लेवल कोर्स कर रहे थे, जिसे पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है। छात्रों ने थ्योरी परीक्षा अपने बलबूते पर पास की थी, लेकिन जब प्रेक्टिकल परीक्षा की बात आई, तो उन्हें 60 किलोमीटर दूर स्थित AM.S. कंप्यूटर इंस्टिट्यूट, बेत्थरा रोड में परीक्षा देने के लिए भेजा गया। जबकि नियमों के अनुसार, होम सेंटर से पांच किलोमीटर के दायरे में ही कोई सेंटर प्रेक्टिकल परीक्षा के लिए चयनित किया जा सकता है।
छात्रों के अनुसार, जब वे इस सेंटर पर परीक्षा देने पहुंचे, तो सेंटर संचालक ने हर प्रेक्टिकल के लिए 5000 से 8000 रुपये की नगद राशि की मांग की। जो छात्र यह राशि जमा नहीं कर पाए, उन्हें धमकी दी गई कि उन्हें फेल कर दिया जाएगा, चाहे उनका प्रेक्टिकल प्रदर्शन कितना भी अच्छा क्यों न हो। छात्रों ने आरोप लगाया कि इस दबाव के कारण कुछ सामान्य श्रेणी के छात्रों ने पैसे जमा कर दिए, लेकिन अधिकांश पिछड़ा वर्ग के छात्रों के पास इतने पैसे नहीं थे, जिसके कारण उन्हें फेल कर दिया गया।
रिजल्ट के बाद यह सामने आया कि केवल वही छात्र पास हुए जिन्होंने पैसे जमा किए थे, जबकि जिन छात्रों ने पैसे नहीं दिए थे, उन्हें अनुत्तीर्ण घोषित कर दिया गया। इस पर छात्रों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और आरोपियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग की।
छात्रों का आरोप है कि AM.S. कंप्यूटर इंस्टीट्यूट के संचालक अशोक यादव ने नियमों का उल्लंघन करते हुए इस प्रकार की मांग की और छात्रों को शोषण का शिकार बनाया। छात्रों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि इस संस्थान के संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और संस्थान को हमेशा के लिए ब्लैक लिस्टेड किया जाए।
जांच की प्रक्रिया शुरू
पुलिस और संबंधित प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। छात्रों के आरोपों को लेकर शैक्षणिक संस्थान और केंद्र संचालक को नोटिस भेजने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है।
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