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हिंडौन सिटी। हिंडौन सिटी में स्टेशन से लेकर कोतवाली तक 100 फीट चौड़ी सड़क निर्माण परियोजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आई हैं। करोड़ों रुपए की लागत से बनाई जा रही इस सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। भाजपा विधायक कालीचरण सर्राफ ने टेंडर की शर्तों के उल्लंघन और निर्माण में लापरवाही का आरोप लगाते हुए सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) से भुगतान रोकने और विजिलेंस जांच कराए जाने की मांग की है।
फाइट फॉर राइट के प्रदेश संयोजक डॉ. संजीव गुप्ता के अनुसार जी शेड्यूल के अनुसार संवेदक (ठेकेदार) को पुरानी सड़क को खोदकर नया निर्माण करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। टेंडर की शर्तों के अनुसार सड़क के साथ फुटपाथ, डिवाइडर और नालियां बननी थीं, लेकिन निर्माण कार्य में इन्हें शामिल नहीं किया गया।
सड़क की मोटाई नियमानुसार होनी चाहिए थी, लेकिन घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल कर इसे कम कर दिया गया। निर्माण स्थल पर दिशा निर्देशक और बैरिकेडिंग का भी उपयोग नहीं किया गया, जिससे हादसों का खतरा बना हुआ है। सड़क निर्माण के सैंपल लिए गए थे, लेकिन ये लैब में ही धूल फांक रहे हैं और इनका परीक्षण अब तक नहीं हुआ।
अतिक्रमण हटाने के नाम पर वसूली का खेलः
पीडब्ल्यूडी ने सैकड़ों अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किए, जिनकी कॉपी आयुक्त नगर परिषद, तहसीलदार और एसडीएम हिंडौन सिटी को भी भेजी गई। लेकिन एक साल बीतने के बाद भी कोई अतिक्रमण नहीं हटाया गया। बल्कि, विभागीय अधिकारी और कर्मचारी नोटिसों की आड़ में लगातार अवैध वसूली कर रहे हैं। तीन-तीन मंजिला अवैध इमारतों को नोटिस तक जारी नहीं किए गए, जबकि वे भी 100 फीट चौड़ी सड़क के दायरे में आती हैं। पीडब्ल्यूडी के अभियंता 11 केवी विद्युत लाइन शिफ्टिंग के लिए विद्युत विभाग को बार-बार पत्र भेजते रहे, लेकिन जब विद्युत विभाग ने अतिक्रमण हटाने की मांग की, तो पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने चुप्पी साध ली।
मुख्यमंत्री स्तर तक पहुंची शिकायत, घोटाले की जांच की मांगः
इस घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री स्तर तक अनेकों शिकायतें भेजी गईं, जिसके बाद अब प्रशासन हरकत में आया है। लेकिन अब भी निर्माण कार्य टेंडर की शर्तों के विपरीत और कार्यादेश के खिलाफ युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।
न्याय की मांग: ठेकेदार को भुगतान से पहले विजिलेंस जांच हो
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि ठेकेदार फर्म को कोई भी भुगतान करने से पहले पीडब्ल्यूडी की विजिलेंस शाखा से इस पूरे भ्रष्टाचार की जांच करवाई जाए। जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो और सड़क की गुणवत्ता को मानकों के अनुसार सुधारा जाए, ताकि जनता को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
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