उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग की उप.सचिव श्रुति सिंह ने बताया
कि वर्ष 2016 में “स्टार्टअप इंडिया” की शुरुआत की गई थी और आज बीस हजार से
ज्यादा स्टार्टअप भारत में काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया केन्द्र एवं
राज्य सरकार ने युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए इस दिशा में प्रगतिशील
कदम उठाये है। उन्हाेंनेे कहा वर्तमान में 270 से ज्यादा इनक्यूबेटर
विभिन्न शहरों में क्रियाशील हैं।
सिंह ने बताया कि वर्ष 2018 में
स्टार्टअप रैकिंग का प्रयोग लॉन्च किया गया था जिसके तहत जिन राज्यों ने
स्टार्टअप में उत्कृष्ट सफलता प्राप्त की है उन्हें रैकिंग दी जायेगी एवं
उन्हें अन्य राज्यों के साथ जोड़ा जायेगा जिससे की वे उन्हें मार्गदर्शन एवं
मदद दें सकें।
उद्घाटन सत्र के बाद तीन पैनल सत्रों का आयोजन हुआ।
प्रथम सत्र में ‘इनोवेशन हब‘ में राजस्थान में स्टार्टअप इको सिस्टम, इसकी
मजबूती एवं सर्वोत्तम प्रणाली एवं उपलब्धियों पर चर्चा की गई। चर्चा में
राजस्थान सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के आयुक्त अम्बरिश कुमार ने कहा कि
उद्यमिता राजस्थानियाें के खून में हैं। हमें जरूरत है आज के युवाओं को
प्रोत्साहित करने की और उन्हें एक इको सिस्टम प्रदान करने की, जिससे वे
स्टार्टअप में नई ऊंचाइयां प्राप्त कर सकें। इस चर्चा में गिरनार सॉफ्ट के
अनुराग जैन, हैलो इंग्लिश के निशांत पाटनी, वॉयला स्टार्टअप के विश्वास
श्रृंगी ने भाग लिया। इसमें मध्यस्थ थे के.पी.एम.जी. के मोहित भसीन।
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