रीजनल नॉलेज एक्सचेंज कार्यशाला ऑन स्टार्टअप के दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 29 जुलाई 2019, 7:52 PM (IST)

जयपुर। राजस्थान सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार ने कहा कि राजस्थान पर्यटन, कला एवं संस्कृति और अद्भुत विरासत के लिए जाना जाने वाला प्रदेश है जिसने हाल ही में स्टार्टअप के क्षेत्र में बेहद सफलता प्राप्त की है। उन्होंने बताया हमें एक स्टार्टअप की व्यवस्था लानी होगी जिससे हम आने वाले समय में कृषि, स्वास्थ्य एवं डाटा संग्रह के क्षेत्र में भरपूर विकास कर सकें।

प्रमुख शासन सचिव सोमवार को यहां एक होटल में राजस्थान सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय स्टार्टअप क्षेत्रीय ज्ञान विनिमय कार्यशाला (रीजनल नॉलेज एक्सचेंज कार्यशाला ऑन स्टार्टअप) के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।

इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्टार्टअप ईको सिस्टम की वृद्धि , हितधारकों को त्वरित समाधान एवं लाभ पहुंचाने के लिए स्थायी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार आई-स्टार्ट के माध्यम से स्टार्टअप्स को निवेशकों, त्वरकों और इनक्यूबेटरों से जुड़ने में मदद कर रहा है, जिससे नये स्टार्टअप्स को व्यवसाय के लिए निवेशकों के अवसर प्रदान हो सकें।

कुमार ने बताया कि राजस्थान सरकार राज्य में स्टार्टअप के ईको सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए राज्य सरकार स्टार्टअप को प्रोत्साहित करते हुए योग्यता आधारित फंडिंग उपलब्ध करा रही है ऋण एवं इक्विटी के रूप में। उन्होंने बताया केंद्र सरकार के साथ मिलकर स्टार्टअप शुरू करने में मदद करने के लिए एक अद्वितीय ‘‘स्टार्टअप रैंकिंग कार्यक्रम‘‘ की शुरुआत की गई है। इससे स्टार्टअप की सफलता और वित्त सहायता की संभावनाओं को बढ़ावा मिलेगा।

प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि स्टार्टअप के व्यवसाय को आकार देने एवं उन्हें दुनिया में पहुंचाने में मदद करने के लिए भारत में पहली बार निःशुल्क उष्मायन (इनक्यूबेशन) केंद्र खोला गया है। यह केन्द्र स्टार्टअप के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं (हाई स्पीड इंटरनेट, कॉन्फ्रेंस रूम, थियेटर आदि ) से लेस है। उन्होंने बताया यह केंद्र स्टार्टअप्स के लिए एक ही छत के नीचे निःशुल्क कनेक्टिविटी, फंडिंग के अवसर, परामर्श, प्रौद्योगिकी और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन करने के लिए मंच प्रदान करता है।


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उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग की उप.सचिव श्रुति सिंह ने बताया कि वर्ष 2016 में “स्टार्टअप इंडिया” की शुरुआत की गई थी और आज बीस हजार से ज्यादा स्टार्टअप भारत में काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया केन्द्र एवं राज्य सरकार ने युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए इस दिशा में प्रगतिशील कदम उठाये है। उन्हाेंनेे कहा वर्तमान में 270 से ज्यादा इनक्यूबेटर विभिन्न शहरों में क्रियाशील हैं।

सिंह ने बताया कि वर्ष 2018 में स्टार्टअप रैकिंग का प्रयोग लॉन्च किया गया था जिसके तहत जिन राज्यों ने स्टार्टअप में उत्कृष्ट सफलता प्राप्त की है उन्हें रैकिंग दी जायेगी एवं उन्हें अन्य राज्यों के साथ जोड़ा जायेगा जिससे की वे उन्हें मार्गदर्शन एवं मदद दें सकें।

उद्घाटन सत्र के बाद तीन पैनल सत्रों का आयोजन हुआ। प्रथम सत्र में ‘इनोवेशन हब‘ में राजस्थान में स्टार्टअप इको सिस्टम, इसकी मजबूती एवं सर्वोत्तम प्रणाली एवं उपलब्धियों पर चर्चा की गई। चर्चा में राजस्थान सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के आयुक्त अम्बरिश कुमार ने कहा कि उद्यमिता राजस्थानियाें के खून में हैं। हमें जरूरत है आज के युवाओं को प्रोत्साहित करने की और उन्हें एक इको सिस्टम प्रदान करने की, जिससे वे स्टार्टअप में नई ऊंचाइयां प्राप्त कर सकें। इस चर्चा में गिरनार सॉफ्ट के अनुराग जैन, हैलो इंग्लिश के निशांत पाटनी, वॉयला स्टार्टअप के विश्वास श्रृंगी ने भाग लिया। इसमें मध्यस्थ थे के.पी.एम.जी. के मोहित भसीन।


दूसरे सत्र में ‘फ्यूचर ऑफ इनोवेशन‘ में नेसकॉम के सह-संस्थापक पुनित मित्तल, टी-हब, हैदराबाद के तकनीकी सलाहकार नवीन अलूरी ने भाग लिया एवं गुलराज एस. शाह पुरी सत्र में मध्यस्थ थे। अंतिम सत्र मेें ‘कृषि में नवाचार‘ के संबंध में चर्चा की गई जिसमें सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार नीरज के. पवन, आयुक्त कृषि डॉ. ओम प्रकाश, नाबार्ड के मुख्य प्रबंधक सुरेश चंद्र, इफ्को किसान संचार के सीईओ संदीप मल्होत्रा, एक्वागिरी के निदेशक तन्मय सेठ ने चर्चा की एवं इसमें मध्यस्थ इफ्को के निदेशक मनीष गुप्ता थे।