ज्वालामुखी। आखिर सत्ता को रास नहीं आये ज्वालामुखी के एसएचओ पुरूषोत्तम धीमान और महज 130 दिन बाद ही तबादला। हालांकि पुलिस अधिकारी का तबादला तीन साल तक नहीं हो सकता। लेकिन यहां एक ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी को इस तरह से रूखस्त कर दिया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
क्या उनका यही दोष है कि उन्होंने एनडीपीएस एक्ट के तहत कई मामले बनाये। खनन माफिया पर नुकेल कसी। और दरबारी संस्कृति से दूर अपने काम को ही अपना धर्म माना। यही नहीं धीमान ने पहली बार ज्वालामुखी थाना में भगवती जागरण व विशाल भंडारे का आयोजन करवा कर नया इतिहास रचा।
जो भी हो धीमान के जाने से शायद किसी को काई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन ज्वालामुखी के एक तबके को धीमान हमेशा ही याद आयेंगे। जिनके रहते ज्वालामुखी में चरस शराब व चिट्टा बेचने वालों में एक दहशत का महौल बना था। वह शायद अब नहीं बन पायेगा।
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