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निराश्रित बच्चों के कौशल विकास, व्यावसायिक प्रशिक्षण पर विशेष फोकस : डीसी

Special focus on skill development, vocational training of destitute children: DC - Dharamshala News in Hindi

धर्मशाला। उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि सुख आश्रय योजना के तहत 18 से 27 आयु वर्ग के निराश्रित बच्चों को व्यवसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और कोचिंग के साथ साथ समाज के सक्रिय सदस्य बनने में मदद करने के लिए वित्तीय और संस्थागत लाभ प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि जमा दो की कक्षा उत्तीर्ण कर चुके निराश्रित बच्चों को कोचिंग के लिए एक लाख रूपये की आर्थिक मदद का प्रावधान किया गया है तथा स्किल डिवल्पमेंट तथा वोकेशनल कोर्स के लिए सरकार द्वारा पढ़ाई तथा हाॅस्टल का खर्चा वहन किया जाएगा।
डीसी कार्यालय के सभागार में सुखाश्रय योजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि निराश्रित बच्चों की स्किल डिवल्मेंट के लिए काउंसलिंग करने के लिए कारगर कदम उठाए जाएंगे इस के लिए आईसीडीएस के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए ताकि कौशल विकास के माध्यम से निराश्रित बच्चों का कैरियर बेहतर बन सके। उन्होंने कहा कि निराश्रित बच्चों को लघु एवं सूक्ष्म उद्योग की स्थापना के लिए 2 लाख रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा ताकि वे स्वरोजगार के लिए प्रेरित हो सकें।

कांगड़ा जिला में 1143 निराश्रित बच्चों के बने हैं प्रमाण पत्र

उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने बताया कि कांगड़ा जिला में 1143 निराश्रित बच्चों के पात्रता प्रमाण पत्र गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी संस्थागत निराश्रित बच्चों को सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत प्रतिमाह सावधि जमा करने का प्रावधान किया गया है इसमें शून्य से 14 वर्ष आयु वर्ग के लिए एक हजार रूपये प्रतिमाह, 15 से 18 वर्ष के लिए 2500 रूपये मासिक सामाजिक सुरक्षा भत्ता तय किया गया है तथा कांगड़ा जिला में चालू वित वर्ष में सामाजिक सुरक्षा भत्ता के तहत सात लाख 46 हजार 500 रूपये खर्च किए जाएंगे।
संस्थागत देखभाल के बाद जो बच्चे 18 वर्ष की आयु पूरी करने बाद देखभाल संस्थान छोड़ते हैं उन्हें समाज की मुख्यधारा में फिर से शामिल करने की सुविधा के लिए प्रतिमाह चार हजार रूपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। कांगड़ा जिला में चालू वित वर्ष के लिए पालना देखरेख भत्ता के तहत 4 लाख कीह मंजूरी प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि 27 वर्ष आयु से पहले हुए अनाथ बच्चों के भूमिहीन होने पर तीन विस्वा भूमि प्रदान करने का प्रावधान है इसके साथ ही आवास सुविधा के लिए तीन लाख के अनुदान का भी प्रावधान है।

सुखाश्रय कोष के माध्यम से भी निराश्रित बच्चों की कर सकते हैं मदद:


उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि जिला स्तर पर निराश्रित बच्चों की मदद के लिए जिला स्तर पर मुख्यमंत्री आश्रय कोष का प्रावधान किया गया है इसके तहत कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक धर्मशाला में खाता संख्या 50076640270 के माध्यम से कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से अंशदान कर सकता है इसमें 80 जी के तहत टैक्स में भी छूट रहेगी। इस कोष के माध्यम से निराश्रित बच्चों के लिए बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।

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Web Title-Special focus on skill development, vocational training of destitute children: DC
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