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मंदिर भूमि पर अतिक्रमण का विवाद: संतों की चेतावनी, प्रशासन से कार्रवाई की मांग
khaskhabar.com: शुक्रवार, 07 मार्च 2025 5:00 PM
कोटा। 1300 साल पुराने श्रीरघुनाथ जी मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण का मामला गरमा गया है। संत समाज ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए अतिक्रमण हटाने, जमीन सीमांकन करवाने और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की है। संतों का आरोप है कि समाज विशेष के लोग मंदिर परिसर की भूमि पर कब्जा कर रहे हैं और विरोध करने पर धमकियां दी जा रही हैं।
मठ के महंत जगदेवदास नागाजी ने बताया कि कैथून स्थित चंद्रलोही नदी के तट पर बने श्रीरघुनाथ जी मंदिर की जमीन पर अवैध निर्माण कर लिया गया है। उन्होंने कह—"यह मंदिर 1300 साल पुराना है, और इसकी भूमि पर अवैध रूप से दुकानें बनाई जा रही हैं। मंदिर के पास मांस की दुकानें भी खुल गई हैं, जिससे आस्था को ठेस पहुंच रही है। विरोध करने पर समाज विशेष के लोग इकट्ठा होकर जान से मारने की धमकी देते हैं।"
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मठ के अंदर मांस के अवशेष फेंककर माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस को शिकायत देने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
संतों की चेतावनी: सड़क पर उतरकर करेंगे आंदोलन
मोटे महादेव आश्रम के संत दशरथदास ने कहा कि "राजा-महाराजाओं के जमाने से साधु-संत मंदिर की भूमि को संभालते आ रहे हैं, लेकिन अब कुछ लोग इसे हड़पने की कोशिश कर रहे हैं। महाकुंभ के दौरान जब संत जगदेवदास बाहर गए हुए थे, तब उनकी अनुपस्थिति में अतिक्रमणकारियों ने जमीन पर अवैध रूप से दुकानें बना लीं।"
उन्होंने प्रशासन से तत्काल सीमांकन कराकर मंदिर भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि "अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो साधु-संत सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।"
प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। संत समाज के आरोपों के बाद क्या मंदिर की भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा या फिर यह विवाद और गहराएगा?
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