नई दिल्ली । मखाना स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक भी होता है। यह एक हल्का, आसानी से पचने वाला खाद्य पदार्थ है और इसमें प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। मखाने को अंग्रेजी में फॉक्स नट्स भी कहते हैं, जानते हैं क्यों?
मखाने को फॉक्स नट्स इसलिए कहते हैं क्योंकि इसका आकार फॉक्स यानि लोमड़ी की तरह होता है। सफेद चेहरे पर एक बिंदु ऐसा जो हूबहू चालाक लोमड़ी की याद दिलाता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च के अनुसार, मखाने का मुख्य रूप से उत्पादन बिहार, असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और ओडिशा में उगाया जाता है। अकेले बिहार में, यह लगभग 15,000 हेक्टेयर जल निकाय में उगाया जाता है। लगभग 5 लाख परिवार सीधे मखाना की खेती - कटाई, पॉपिंग, बिक्री और उत्पादन - में शामिल हैं। बिहार से हर साल लगभग 7,500 से 10,000 टन पॉप्ड मखाना बेचा जाता है।
मखाना की पॉपिंग (बीज को छिलके से पॉप करने की प्रक्रिया) मखाने को तैयार करने की प्रक्रिया तीन चरणों में शामिल है। बीज को पारंपरिक मिट्टी के बर्तन में या कच्चे लोहे के पैन में 250° सेल्सियस से 320° सेल्सियस तक उच्च तापमान पर भुना जाता है, 2 से 3 दिनों के लिए तड़के, फिर से भुनकर कर एक मैलेट (लकड़ी का हथौड़ा या मुंगरी) का उपयोग करके हाथ से मखाने को छिलके से अलग किया जाता है। भुनने के बाद हटाने के लिए अत्यधिक कुशल श्रमिकों की आवश्यकता होती है क्योंकि हटाने में कुछ सेकंड की देरी से खराब गुणवत्ता वाला पॉप्ड मखाना बन जाएगा।
शोध बताते हैं कि मखाने में मैग्नीशियम और पोटेशियम पाया जाता है, जो कि हृदय स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद पाया जाता है। कम कैलोरी और ज्यादा फाइबर होने से यह भूख को नियंत्रित करता है। अगर आप वजन घटाने के बारे में सोच रहे हैं, तो इसका सेवन कर सकते हैं।
मखाने में मौजूद मैग्नीशियम तनाव कम करके अच्छी नींद लाने में मदद करता है। कैल्शियम की मौजूदगी हड्डियों और दांतों के लिए लाभकारी है। व्रत के दौरान अधिक मात्रा में इनका सेवन करने से बचने की सलाह दी जाती है, हालांकि बड़े बुजुर्ग निसंकोच सेवन की सलाह देते हैं। मखाना एक कम कैलोरी वाला स्नैक है। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटेशियम के साथ-साथ शरीर के लिए कई जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। मखाना भूख को कंट्रोल करने में मदद करता है। साथ ही इससे पेट भी भरा-भरा लगता है।
--आईएएनएस
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