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जोधपुर। राजस्थान के अपने आश्रम में एक नाबालिग लडक़ी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में स्वयंभू संत आसाराम बापू को जोधपुर की अदालत ने बुधवार को दोषी करार दिया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। आसाराम अपनी स्वभाविक मृत्यु तक जेल की सलाखों के पीछे ही रहेंगे। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति मामलों के विशेषज्ञ न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर केंद्रीय कारागार के अंदर अपना फैसला सुनाया। आसाराम इसी जेल में कैद हैं। उम्रकैद की सजा के बाद आसाराम को जेल के कपड़े दिए गए हैं और अब जेल का ही खाना खाएंगे। आसाराम को जोधपुर सेन्ट्रल जेल की बैरक नंबर 2 में शिफ्ट कर दिया गया है। अब आसाराम को पूरी जिंदगी जेल के की सलाखों के पीछे कैदी नंबर 130 बनकर गुजारनी पड़ेगी। जेल में आसाराम को कैदी नंबर 130 दिया गया है।
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