जोधपुर। राजस्थान के अपने आश्रम में एक नाबालिग लडक़ी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में स्वयंभू संत आसाराम बापू को जोधपुर की अदालत ने बुधवार को दोषी करार दिया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। आसाराम अपनी स्वभाविक मृत्यु तक जेल की सलाखों के पीछे ही रहेंगे। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति मामलों के विशेषज्ञ न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर केंद्रीय कारागार के अंदर अपना फैसला सुनाया। आसाराम इसी जेल में कैद हैं। उम्रकैद की सजा के बाद आसाराम को जेल के कपड़े दिए गए हैं और अब जेल का ही खाना खाएंगे। आसाराम को जोधपुर सेन्ट्रल जेल की बैरक नंबर 2 में शिफ्ट कर दिया गया है। अब आसाराम को पूरी जिंदगी जेल के की सलाखों के पीछे कैदी नंबर 130 बनकर गुजारनी पड़ेगी। जेल में आसाराम को कैदी नंबर 130 दिया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शिल्पी और शरद को भी 20-20 साल कैद की सजा--
अदालत ने आसाराम आश्रम की वार्डन शिल्पी और उनके सहयोगी शरद को भी 20-20 साल कैद की सजा सुनाई। अदालत ने हालांकि, आसाराम के सेवादार शिवा और रसोईए प्रकाश को बरी कर दिया। बचाव पक्ष की वकील सुषमा धारा ने कहा, ‘‘आसाराम को स्वभाविक मृत्यु तक उम्रकैद की सजा सुनाई गई है...शिल्पी और शरद को एक-एक लाख रुपये जुर्माना भरने के निर्देश भी दिए गए हैं।’’
फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में करेंगे अपील
न्यायाधीश ने 474 पृष्ठों के फैसले में कहा है कि आसाराम (77) और दो अन्य आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 डी और बाल यौन अपराध निषेध अधिनियम (पोस्को) और किशोर न्याय अधिनियम (जेजे) के तहत दोषी पाया गया है। सुषमा ने कहा कि फैसले के खिलाफ और आसाराम की जमानत के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय में अपील की जाएगी। उन्होंने कहा कि अदालत में आसाराम सामान्य दिखे, लेकिन दोषी ठहराए जाने के बाद दुखी और चिंतित नजर आए।
फाइव-स्टार शमी, उत्तम दर्जे के शुभमन ने भारत को दिलाई जीत, ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराया
रक्षा मामलों की संसदीय स्थायी समिति की बैठक में राहुल ने उठाया चीन का मुद्दा, भाजपा नेता हुए नाराज
चंबल रिवर फ्रंट भ्रष्टाचार का अड्डाः शांति धारीवाल ने बेटे की कमाई का इंतजाम किया-गुंजल
Daily Horoscope