नाबालिग से रेप मामला : आसाराम बने कैदी नंबर 130, खाएंगे जेल का खाना

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 25 अप्रैल 2018, 8:59 PM (IST)

जोधपुर। राजस्थान के अपने आश्रम में एक नाबालिग लडक़ी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में स्वयंभू संत आसाराम बापू को जोधपुर की अदालत ने बुधवार को दोषी करार दिया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। आसाराम अपनी स्वभाविक मृत्यु तक जेल की सलाखों के पीछे ही रहेंगे। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति मामलों के विशेषज्ञ न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर केंद्रीय कारागार के अंदर अपना फैसला सुनाया। आसाराम इसी जेल में कैद हैं। उम्रकैद की सजा के बाद आसाराम को जेल के कपड़े दिए गए हैं और अब जेल का ही खाना खाएंगे। आसाराम को जोधपुर सेन्ट्रल जेल की बैरक नंबर 2 में शिफ्ट कर दिया गया है। अब आसाराम को पूरी जिंदगी जेल के की सलाखों के पीछे कैदी नंबर 130 बनकर गुजारनी पड़ेगी। जेल में आसाराम को कैदी नंबर 130 दिया गया है।

शिल्पी और शरद को भी 20-20 साल कैद की सजा--
अदालत ने आसाराम आश्रम की वार्डन शिल्पी और उनके सहयोगी शरद को भी 20-20 साल कैद की सजा सुनाई। अदालत ने हालांकि, आसाराम के सेवादार शिवा और रसोईए प्रकाश को बरी कर दिया। बचाव पक्ष की वकील सुषमा धारा ने कहा, ‘‘आसाराम को स्वभाविक मृत्यु तक उम्रकैद की सजा सुनाई गई है...शिल्पी और शरद को एक-एक लाख रुपये जुर्माना भरने के निर्देश भी दिए गए हैं।’’

फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में करेंगे अपील
न्यायाधीश ने 474 पृष्ठों के फैसले में कहा है कि आसाराम (77) और दो अन्य आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 डी और बाल यौन अपराध निषेध अधिनियम (पोस्को) और किशोर न्याय अधिनियम (जेजे) के तहत दोषी पाया गया है। सुषमा ने कहा कि फैसले के खिलाफ और आसाराम की जमानत के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय में अपील की जाएगी। उन्होंने कहा कि अदालत में आसाराम सामान्य दिखे, लेकिन दोषी ठहराए जाने के बाद दुखी और चिंतित नजर आए।



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पुलिस ने छह नवंबर, 2013 को पोस्को अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आसाराम और चार अन्य सह-आरोपियों शिल्पी, शरद, शिवा और प्रकाश के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किए थे। आसाराम गुजरात में दायर यौन उत्पीडऩ के एक अन्य मामले का भी सामना कर रहे हैं। सात अप्रैल को इस मामले में अंतिम बहस पूरी कर ली गई थी और फैसला सुनाने के लिए 25 अप्रैल (बुधवार) की तिथि निर्धारित की गई थी।

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक किशोरी द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद 2013 में आसाराम को गिरफ्तार किया गया था। किशोरी ने उन पर जोधपुर के बाहरी इलाके के मनई गांव स्थित आश्रम में 15 अगस्त, 2013 को उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। पीडि़ता मध्य प्रदेश के उनके छिंदवाड़ा आश्रम में 12वीं कक्षा की छात्रा थी।

आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार कर एक सितंबर, 2013 को जोधपुर लाया गया था। दो सितंबर, 2013 को उन्हें न्यायायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। आसाराम के अनुयायियों से कानून-व्यवस्था को नुकसान पहुंचने की आशंका के मद्देनजर जोधपुर में कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था की गई थी। गृह मंत्रालय ने भी अदालत के फैसले के मद्देनजर किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मंगलवार को राजस्थान, गुजरात और हरियाणा को एहतियात बरतने के निर्देश दिए थे।

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