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जयपुर। प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होने वाला एक गंभीर रोग है, जो प्रोस्टेट ग्रंथि में अनियंत्रित रूप से कोशिकाओं की वृद्धि के कारण विकसित होता है। यह समस्या प्रारंभ में हल्के लक्षणों के साथ शुरू होती है, लेकिन समय के साथ गंभीर रूप ले सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो यह कई अन्य जटिल बीमारियों का कारण बन सकता है। हालांकि, आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ-साथ आयुर्वेदिक उपचार भी इस बीमारी के लक्षणों को नियंत्रित करने और रोगी को राहत देने में सहायक हो सकते हैं।
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षणः
प्रारंभिक अवस्था में प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन समय के साथ ये स्पष्ट होने लगते हैं। प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:- रुक-रुक कर पेशाब आना। पेशाब करने में कठिनाई। पेशाब या वीर्य में खून आना। पेट के निचले हिस्से में दर्द। लिबिडो में कमी। कमजोरी और थकान। अचानक वजन में गिरावट।
प्रोस्टेट कैंसर के कारणः
प्रोस्टेट कैंसर के सटीक कारण अभी स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन कई कारक इसके विकास में भूमिका निभा सकते हैं: उम्र बढ़ने के साथ प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यह कैंसर को बढ़ावा देने वाले कारकों में से एक हो सकता है। यदि परिवार में किसी को यह बीमारी हुई है, तो जोखिम बढ़ जाता है। जंक फूड और अत्यधिक वसायुक्त भोजन का सेवन प्रोस्टेट कैंसर को बढ़ा सकता है। अधिक वजन वाले पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना अधिक होती है। टेस्टोस्टेरोन और अन्य हार्मोनल असंतुलन भी इस समस्या का कारण बन सकते हैं। रसायनों और प्रदूषित वातावरण के संपर्क में रहना भी जोखिम को बढ़ा सकता है।
आयुर्वेद में प्रोस्टेट कैंसर का उपचारः
आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के माध्यम से प्रोस्टेट कैंसर के लक्षणों को नियंत्रित करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के कई उपाय बताए गए हैं। शतावरी: इसमें फोलेट और विटामिन-C होते हैं, जो प्रोस्टेट ग्रंथि को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होते हैं।
अश्वगंधा: यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करने, हॉर्मोनल संतुलन बनाए रखने और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है।
त्रिफला: आंवला, हरड़ और बहेड़ा से बना यह मिश्रण शरीर से टॉक्सिन्स को निकालने, सूजन को कम करने और प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने में सहायक होता है।
गिलोय: यह एक बेहतरीन इम्यून बूस्टर है, जो शरीर को डिटॉक्स करने, संक्रमण से बचाने और कैंसर जैसी बीमारियों में फायदेमंद साबित हो सकता है।
मेथी के बीज: इनमें फाइबर और विटामिन-B की उच्च मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाते हैं और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।
सावधानी और परामर्श आवश्यकः आयुर्वेदिक उपचार प्रोस्टेट कैंसर के लक्षणों को नियंत्रित करने में प्रभावी हो सकते हैं, लेकिन कोई भी उपचार शुरू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना अनिवार्य है। यदि आप या आपके किसी परिजन को इस बीमारी की समस्या है, तो कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भारत के बेहतरीन आयुर्वेदिक विशेषज्ञों से परामर्श ले सकते हैं।
स्वास्थ्य से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए जुड़े रहें डॉ. पीयूष त्रिवेदी के साथ। साथ ही, एक्यूप्रेशर सेवा समिति, जयपुर (9828011871) पर संपर्क कर आयुर्वेदिक समाधान के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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