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भीलवाड़ा। श्रमण संघीय जैन दिवाकरीय मालव सिंहनी पूज्या श्री कमलावतीजी म.सा. की सुशिष्या अनुष्ठान आराधिका पूज्य महासाध्वी डॉ. श्रीकुमुदलताजी म.सा. आदि ठाणा 4 के इस वर्ष भीलवाड़ा में होने वाले चातुर्मास के लिए तैयारियां शुरू हो गई है।
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक समिति सुभाषनगर एवं श्री जैन दिवाकर चरणसाधना सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में होने वाले चातुर्मास को जप,तप,आराधना के साथ भव्यता प्रदान करने के लिए शनिवार को हरणी महादेव रोड स्थित पॉम रिसोर्ट में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में चातुर्मास को लेकर की जा रही तैयारियों की जानकारी देने के साथ किस तरह धर्म आराधना की दृष्टि से एतिहासिक बनाया जा सकता इसको लेकर विचार विर्मश किया गया।
बैठक में भीलवाड़ा शहर के वरिष्ठ सुश्रावकों के साथ विभिन्न श्रावक संघों के प्रतिनिधियों ने भाग लेकर उपयोगी सुझाव प्रदान किए। सभी ने विश्वास जताया कि धर्मनगरी भीलवाड़ा में होने वाला यह चातुर्मास तप त्याग व जिनशासन की प्रभावना की दृष्टि से एतिहासिक साबित होगा। पूज्य महासाध्वी कुमुदलताजी म.सा. आदि ठाणा 4 का भीलवाड़ा चातुर्मासिक मंगलप्रवेश 8 जुलाई को होगा। बैठक में चातुर्मास आयोजन समिति की घोषणा की गई। चातुर्मास समिति के अध्यक्ष दौलतमल भड़कत्या, संयोजक चन्द्रसिंह कोठारी एवं महावीरसिंह चौधरी, सचिव राजेंद्र सुराना, कोषाध्यक्ष मदनलाल सिपानी, सह कोषाध्यक्ष बंशीलाल बोहरा, स्वागत-सत्कार संयोजक हेमन्त कोठारी, आवास व्यवस्था संयोजक प्रदीप चौधरी, भोजन निर्माण संयोजक प्रकाश सूरिया, प्रवचन व्यवस्था संयोजक राजेन्द्र चण्डालिया, प्रचार-प्रसार समिति संयोजक निलेश कांठेड़, वैयावच्च समिति संयोजक विनोद सकलेचा, चिकित्सा समिति संयोजक शांतिलाल बाबेल को नियुक्त किया गया है।
चातुर्मास के मुख्य लाभार्थी एवं स्वागताध्यक्ष दौलतमल भड़कत्या रहेंगे। सुभाषनगर स्थानक में होने वाले चातुर्मास में हर गुरूवार सुबह 9.15 से 10.15 बजे तक मंगलकारी अनुष्ठान होगा। इसी तरह हर शुक्रवार को केवल श्राविकाओं के लिए सुबह 11 बजे पद्मावती एकासन आराधना विधि होगी। हर शनिवार को प्रवचन के बाद प्रश्नमंच होगा एवं हर रविवार को दोपहर 2 बजे से बच्चों के लिए संस्कार शिविर का आयोजन होगा। चातुर्मास के दैनिक कार्यक्रमों के तहत सुबह 6.30 बजे से प्रार्थना, सुबह 9 बजे से प्रवचन, दोपहर 2.30 से 4 बजे तक धर्मचर्चा एवं नित्य प्रतिक्रमण सूर्यास्त के बाद होगा।
बैठक में जीतो के वाइस प्रेसीडेन्ट समाजसेवी महावीरसिंह चौधरी ने कहा कि महासाध्वी कुमुदलताजी म.सा. का चातुर्मास किसी सम्प्रदाय या जैन समाज का ही नहीं होकर 36 ही कौम का चातुर्मास बन जाए इसका प्रयास हमे करना होगा। उनका चातुर्मास भीलवाड़ा में भक्ति का नया इतिहास बनाएगा इसमें कोई संदेह नहीं है। बैठक में विचार व्यक्त करने वालों में सुभाषनगर श्रीसंघ के अध्यक्ष हेमन्त कोठारी,राजेन्द्र गोखरू,अनिल डांगी, प्रदीप चौधरी, नवरतनमल भलावत, प्रकाशचन्द बाबेल, पुष्पा गोखरू, लाड़जी मेहता, कमला चौधरी, मंजू खटबड़ आदि शामिल थे।
बैठक में शामिल प्रतिनिधियों का स्वागत चातुर्मास समिति के अध्यक्ष दौलतमल भड़कत्या ने किया। वरिष्ठ सुश्रावक सुरेन्द्रसिंह सुराणा एवं डूंगला श्रीसंघ के अध्यक्ष शांतिलाल मेहता भी मंचासीन थे।
बैठक का संचालन चातुर्मास समिति के सचिव राजेन्द्र सुराना ने किया। बैठक में राजेन्द्र चीपड़, महेन्द्र छाजेड़, लक्ष्मणसिंह बाबेल, महावीर बाबेल, बंशीलाल बोहरा, एनके जैन, मदनलाल सिपानी, सुरेश सिंघवी, प्रकाश सुरिया, सुश्राविका बलवीर चौरड़िया, लीलादेवी कोठारी, संजूलता बाबेल, निर्मला सिंघवी, निर्मला भड़कत्या, निर्मला बुलिया, सरिता पोखरना आदि भी मौजूद रहे। महासाध्वी कुमुदलताजी म.सा. का वर्ष 2012 में भीलवाड़ा शांतिभवन श्रीसंघ के तत्वावधान में चातुर्मास हुआ था। उस चातुर्मास के 13 वर्ष बाद फिर से उनका धर्मनगरी भीलवाड़ा में चातुर्मास घोषित होने से श्रावक-श्राविकाओं में उत्साह का माहौल बन गया है।
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