देश में सड़क सुरक्षा को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है। केंद्र सरकार ने दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 1 जनवरी 2026 से सभी नए टू-व्हीलर्स में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) को अनिवार्य कर दिया है। इस फैसले का असर उन सभी बाइक्स और स्कूटर्स पर होगा जो अब तक इस तकनीक से वंचित थे—जैसे हीरो स्प्लेंडर और होंडा एक्टिवा जैसे किफायती मॉडल। इसके साथ ही, अब हर नए टू-व्हीलर की बिक्री पर दो BIS प्रमाणित हेलमेट देना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
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अब हर बाइक और स्कूटर में जरूरी होगा ABS
अब तक ABS केवल उन दोपहिया वाहनों के लिए अनिवार्य था जिनकी इंजन क्षमता 125 सीसी से अधिक थी। लेकिन नए नियम के तहत यह सुरक्षा तकनीक हर नई बाइक और स्कूटर में जरूरी होगी, चाहे वह 100 सीसी हो या उससे ऊपर। सरकार का मानना है कि अचानक ब्रेक लगाने की स्थिति में ABS वाहन के पहियों को लॉक होने से बचाता है, जिससे स्किडिंग और नियंत्रण खोने जैसी घटनाओं से बचा जा सकता है। यही कारण है कि इस तकनीक को अब एंट्री-लेवल मॉडल्स तक लाने का फैसला लिया गया है।
सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े बने आधार
2022 में जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में सड़क दुर्घटनाओं में हुई कुल मौतों में से लगभग 44.5% दोपहिया वाहनों से जुड़ी थीं। इनमें से कई हादसे ब्रेक लगाते समय नियंत्रण खोने या सिर पर चोट लगने के कारण हुए। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए ही सरकार ने ABS को व्यापक रूप से लागू करने और दोनों सवारों के लिए हेलमेट अनिवार्य करने की योजना बनाई है। अब हर डीलर को ग्राहक को एक नहीं, दो BIS प्रमाणित हेलमेट देने होंगे—एक चालक के लिए और दूसरा पीछे बैठने वाले के लिए।
बजट बाइक्स की कीमत में हो सकता है इजाफा
हीरो स्प्लेंडर, होंडा एक्टिवा, टीवीएस स्पोर्ट, बजाज प्लेटिना जैसी कम कीमत वाली बाइक्स और स्कूटर्स की बिक्री भारत में सबसे अधिक होती है। इन मॉडल्स में अभी तक ABS अनिवार्य नहीं था, लेकिन नए नियमों के बाद इन्हें अपग्रेड करना पड़ेगा। इससे संभावित रूप से इनकी कीमत में इजाफा हो सकता है, क्योंकि ABS लगाने के लिए डिस्क ब्रेक और सेंसर जैसे हार्डवेयर की जरूरत होती है।
नए नियम सिर्फ 2026 के बाद बने वाहनों पर लागू होंगे
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह नियम केवल 1 जनवरी 2026 के बाद निर्मित और बेचे जाने वाले नए दोपहिया वाहनों पर लागू होगा। पुराने या पहले से खरीदे गए वाहनों पर यह नियम लागू नहीं होगा। इसके अलावा, सड़क परिवहन मंत्रालय जल्दी ही तकनीकी दिशा-निर्देश और क्रियान्वयन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी भी जारी करेगा, ताकि वाहन निर्माता समय रहते बदलावों के लिए तैयार हो सकें।
1 जनवरी 2026 से भारत में टू-व्हीलर सेगमेंट एक नए सुरक्षा युग में प्रवेश करेगा। सरकार के इस कदम से दोपहिया चालकों की जान बचाने में काफी मदद मिलेगी। जहां एक ओर ABS तकनीक से हादसों में कमी आएगी, वहीं दो हेलमेट अनिवार्य करने से यात्रियों की सुरक्षा को और पुख्ता किया जा सकेगा। हालांकि इससे शुरुआती लागत में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन सड़क सुरक्षा के नजरिए से यह फैसला एक स्वागतयोग्य पहल है, जो लाखों जानें बचा सकता है।
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