तेहरान/दोहा/वॉशिंगटन | मिडिल ईस्ट में सोमवार देर रात तनाव उस समय चरम पर पहुंच गया जब ईरान ने कतर की राजधानी दोहा के पास स्थित अल-उदीद एयरबेस पर 6 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। यह एयरबेस अमेरिका का मिडिल ईस्ट में सबसे बड़ा और रणनीतिक दृष्टि से अहम सैन्य अड्डा है। यहां करीब 8,000 से 10,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं।
ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी तस्नीम ने दावा किया कि यह हमला हाल ही में ईरानी परमाणु ठिकानों पर हुए हमलों के जवाब में किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने कतर और इराक में अमेरिकी ठिकानों को एक साथ निशाना बनाया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कतर की प्रतिक्रिया : एयरस्पेस बंद, सुरक्षा कड़ी
कतर की सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि हमलों से कुछ समय पहले ही राष्ट्रीय एयरस्पेस को बंद कर दिया गया था, जिससे किसी भी सिविलियन उड़ान को नुकसान नहीं हुआ।
कतर के डिफेंस मिनिस्ट्री ने दावा किया कि उनके एयर डिफेंस सिस्टम ने मिसाइलों को बीच में ही रोक दिया, जिससे कोई हताहत नहीं हुआ। साथ ही, कतर ने ईरान को चेतावनी दी है कि यदि ऐसी कार्रवाइयां दोहराई गईं तो उन्हें जवाबी कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
पेंटागन की पुष्टि : अमेरिका अलर्ट पर
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने भी हमले की पुष्टि की है। पेंटागन ने बयान में कहा कि ईरान ने अल-उदीद एयरबेस पर छोटी और मध्यम दूरी की मिसाइलों से हमला किया है, लेकिन एयर डिफेंस के चलते कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
बयान में यह भी कहा गया कि अमेरिका अपने सैनिकों और संपत्तियों की सुरक्षा के लिए सभी विकल्प खुले रखेगा।
अल-उदीद एयरबेस क्यों है अहम?
यह मिडिल ईस्ट में अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के एयर ऑपरेशन्स का मुख्यालय है।
कतर ने 2000 में अमेरिका को यह बेस उपयोग के लिए दिया था।
यहां से अमेरिका इराक और अफगानिस्तान में अपने सैन्य अभियानों का संचालन करता है।
यह बेस ब्रिटिश सेना के सैनिकों के रोटेशन का भी हिस्सा है।
इसमें खाड़ी क्षेत्र की सबसे लंबी एयरलैंडिंग स्ट्रिप मौजूद है।
एअर इंडिया ने उड़ानें कीं रद्द
घटना के बाद एअर इंडिया ने तुरंत एक बयान जारी कर मिडिल ईस्ट रूट की अपनी सभी उड़ानों को अस्थायी रूप से रद्द कर दिया है। एयरलाइन ने कहा कि उसने कई फ्लाइट्स को वैकल्पिक रूट्स पर डायवर्ट किया है और यात्रियों की सुरक्षा को पहली प्राथमिकता दी जा रही है।
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, “हम लगातार सरकार और अंतरराष्ट्रीय एविएशन अथॉरिटीज़ के संपर्क में हैं। फिलहाल किसी भी तरह का जोखिम नहीं लिया जा सकता।”
क्षेत्रीय हालात और आगे की आशंका
मिडिल ईस्ट में इस समय हालात बेहद तनावपूर्ण हैं।
ईरान और इस्राइल के बीच चल रहा सैन्य तनाव
अमेरिका की सीधी सैन्य मौजूदगी
कतर, इराक और सीरिया जैसे देशों की संवेदनशील भू-राजनीतिक स्थिति
इन सबके बीच यह हमला एक संभावित बड़े संघर्ष की शुरुआत मानी जा रही है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ, ने संयम बरतने और बातचीत के जरिए समाधान निकालने की अपील की है।
भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब तक भारत सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्रालय इस पूरे घटनाक्रम पर करीबी नजर बनाए हुए है। भारत के हजारों नागरिक कतर, यूएई, सऊदी अरब और ओमान में कार्यरत हैं, जिनकी सुरक्षा को लेकर सरकार सतर्क है।
ईरान का यह हमला मिडिल ईस्ट की बदलती रणनीतिक तस्वीर का संकेत देता है। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के लिए यह एक सख्त चेतावनी है कि ईरान अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति अपना रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अमेरिका की अगली सैन्य या कूटनीतिक चाल क्या होगी और क्या यह टकराव एक खुले युद्ध में बदल जाएगा या राजनयिक स्तर पर काबू पा लिया जाएगा।
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