चंडीगढ़। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पंजाब में कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने बाजवा को एक वरिष्ठ और अनुभवी नेता बताते हुए कहा कि लगभग 5 दशक से देश सेवा में सक्रिय बाजवा पर सरकार की कार्रवाई निंदनीय है।
गहलोत ने बाजवा के पारिवारिक पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके पिता, पूर्व मंत्री और तीन बार के विधायक सरदार सतनाम सिंह बाजवा 10 जुलाई 1987 को आतंकवादी हमले में शहीद हुए थे। 1980 के दशक में पंजाब में आतंकवाद के चरम दौर में, प्रताप सिंह बाजवा ने यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 1990 में बाजवा खुद एक आतंकवादी हमले का शिकार हुए थे।
वर्तमान में पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में कार्यरत बाजवा ने पंजाब में बिगड़ती कानून व्यवस्था के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की थी।
गहलोत ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार ने बाजवा की चिंताओं को गंभीरता से लेने की बजाय उन पर मुकदमा दर्ज करके राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई की है। यह दर्शाता है कि पंजाब सरकार की प्राथमिकता राज्य में शांति स्थापित करने के बजाय राजनीतिक प्रतिशोध लेना है।
गहलोत ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से आग्रह किया कि वे ऐसे कदम उठाने के बजाय लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करें और पंजाब की कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए विपक्षी दलों के साथ चर्चा करके आवश्यक कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को अपनी राजनीतिक प्रतिशोध की भावना को छोड़कर राज्य में शांति और सद्भाव बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
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