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जयपुर। जेडीए में अब इंजीनियरों की छंटनी की बातें सामने आने लगी हैं। इसके पीछे कारण जेडीए में पैसे की तंगी आना बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार पब्लिक वक्र्स कमेटी (पीडब्ल्यूसी) की बैठक में मिनटों में पास होने वाले करोड़ों रुपए के काम के हालात बदलने लगे तो इंजीनियरों के बारे में विचार शुरू हो गया है। इस कड़ी में पहले इंजीनियरों के उन जोन को मर्ज किया जा रहा है, जिन्हें कभी काम की अधिकता और इंजीनियरों को खपाने के लिए बनाया गया था। इस संबंध में आदेश भी जारी हो गए। आदेश के मुताबिक जोन 1, 2, 10, 13, 14 को दो-दो भागों में (जोन 12 को तीन भागों में) बांटा गया था, जिन्हें अब फिर से एक किया गया है। इसके साथ ही जोन-15 को जोन 11 में मर्ज किया है। पृथ्वीराज नगर के चार जोन नॉर्थ-साउथ में बंटेंगे। इसके साथ ही हाउसिंग थर्ड, इलेक्ट्रिक, पीएचई, रिंग रोड , प्रोजेक्ट से भी एक-एक एक्सईएन कम किया गया है। इसके बाद करीब 10 एक्सईएन कम करने होंगे। फिलहाल जेडीए में करीब दो दर्जन एक्सईएन डेपुटेशन पर हैं।
कौनसे एक्सईएन जाएंगे, इस पर अभी संशय
एक्सईएन के पद तो कम कर दिए, लेकिन मर्ज किए गए जोन के एक्सईएन जाएंगे या मूल जोन के। इस पर अभी संशय बना हुआ है। साथ ही डेपुटेशन पर लगे एक्सईएन को जेडीए में रखने या मूल विभागों में भेजने की स्थिति भी साफ नहीं हुई है।
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