इसके अलावा दो और कारण हैं, जिनके चलते पाकिस्तान गेहूं संकट का सामना कर
रहा है। पहला यह कि सिंध सरकार ने अंतरप्रांतीय खाद्य समिति और ईसीसी
द्वारा तय लक्ष्य से 35 प्रतिशत कम खरीदारी की थी। दूसरा कारण संचार
मंत्रालय के अंतर्गत एजेंसियों द्वारा शुल्क बढ़ाए जाने के बाद हड़तालें हो
गईं और गेंहू का सामान्य वितरण प्रभावित हो गया।
सूत्रों के अनुसार,
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मंत्री खुसरो बख्तियार ने 400000 टन गेहूं आयात
करने पर जोर दिया। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के वरिष्ठ नेता जहांगीर तरीन ने
पहले ही चार लाख टन गेहूं आयात करने की घोषणा की थी। लेकिन डॉ. हफीज ने
तीन लाख टन आयात को पर्याप्त समझा।
इस बीच, देश के राष्ट्रपति आरिफ अलवी ने
सोमवार को देश में मौजूदा गेहूं संकट से अनभिज्ञता जाहिर कर आम आदमी के
जले पर नमक छिडक़ दिया। सोशल मीडिया पर उपलब्ध एक वीडियो क्लिप में गेहूं की
कमी से संबंधित एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा, यह मेरे संज्ञान में
नहीं है, लेकिन मुझे इसकी जानकारी होनी चाहिए।
(IANS)
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