इस्लामाबाद। पाकिस्तान में जारी गेहूं संकट के बीच सरकार ने आसमान छूती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए 300000 टन गेहूं आयात करने को मंजूरी दे दी है। गेहूं के इस आयात पर कोई शुल्क नहीं लगाया जाएगा। डॉन न्यूज के अनुसार, यह निर्णय मंत्रिमंडल की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) की सोमवार को हुई एक बैठक में लिया गया।
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बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री के वित्त एवं वाणिज्य मामलों के सलाहकार डॉ. अब्दुल हफीज शेख ने की। बैठक में विभाग को अब अनुमानित 1720 अरब रुपए के सर्कुलर ऋण के एक भाग को चुकाने के लिए 200 अरब रुपए के इस्लामिक सुकूक बॉन्ड्स जारी करने का भी निर्णय लिया गया।
रपट में विश्वस्त सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं अनुसंधान मंत्रालय ने ईसीसी बैठक में कहा कि सरकार के पास अभी 42 लाख टन गेहूं का भंडारण है, जिससे दो महीने तक घरेलू खपत हो सकती है। वहीं नई फसल भी मार्च के मध्य तक बाजार में आने लगती है। पाकिस्तान में गेहूं के आटे की कीमत 800 रुपए से 1200 रुपए प्रति 20 किलोग्राम है। जिसमें प्रति किलोग्राम 20 रुपए तक की वृद्धि दर्ज की गई है।
इस संकट के पीछे एक कारण यह है कि पिछले साल इस समय गेहूं का भंडारण 70 लाख टन था, वहीं इस वर्ष सिर्फ 42 लाख टन बचा है। लेकिन इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि मांग और आपूर्ति में अंतर और घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इसकी कीमतों में भारी अंतर के कारण जमाखोरों, कालाबाजारी करने वालों और कमोडिटी तस्करों को कमाई करने का अवसर मिल गया है।
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