भिवानी। धनाना गांव में जाट आरक्षण मामले को लेकर 29 जनवरी से जारी धरना मंगलवार को 45वें दिन में प्रवेश कर गया है। आंदोलनकारियों ने सीएम मनोहर लाल के लिए कहा कि इतिहास में पहली बार इतना कमजोर सीएम और वादा खिलाफ सरकार देखी है, जो जानबूझ कर कुंभकर्णी नींद में सोई हुई है। जाट नेताओं ने चेतावनी दी कि उनकी शांति के पिछे जो शक्ति छिपी है सरकार उसे ध्यान में रखे।
आंदोलनकारियों ने हर रोज की तरह धरना स्थल पर केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। जाट नेता मास्टर अजीत सिंह ने कहा कि कमजोर सीएम व वादा खिलाफ सरकार जानबूझ कर उनकी मांगों को पूरा नहीं कर रही। उन्होने कहा कि दिल्ली के 500 किलोमीटर दायरे में जाटों की संख्या है जो 20 मार्च को दिल्ली को जाम कर देंगे। उन्होने कहा कि इस दौरान दिल्ली के लोग दूध, सब्जी तो दूर ब्रेड तक खाने को तरस जाएंगे। ऐसे में हालात खराब हुए तो जिम्मेवारी केंद्र व प्रदेश सरकार की होगी।
वहीं जाट नेता राजमकुमार मुंढाल ने कहा कि मांगो को पूरा करवाने के लिए 45 दिनों का समय कम नहीं होता। उन्होने कहा कि उनकी केवल एक मांग है कि जो सरकार अपनी हठधर्मिता छोडक़र लागू कर दे। ताकि वो भी धरना उठाएं और खेतों में जाकर अपना काम करें। उन्होने चेतवानी दी कि सरकार नहीं चेती तो लोगों का जोश 20 मार्च को दिखाई देगा।
ये रहे मौजूद
धरने पर 45वें दिन अध्यक्षता राजमल सूबेदार ने की। इस दौरान मास्टर दिवान सिंह जाखड़, हवासिंह घुसकानी, प्रेमकुमार धनाना, सूबेदार हवासिंह सांगा, सुरेंद्र मुंढाल, बडेसरा प्रधान दयाकिशन, औम सिवाड़ा, कप्तान भीमसिंह, बाबू शीशराम, दिलबाग तालु, निहाल सिंह, दिलबाग कुंगड़, कन्हैया फौजी, धर्मबीर कुंगड़, सूबेदार चन्द्र सिंह, अमृत सरपंच, मीला देवी, रोशनी, शीला, नाहनी, मास्टर राजसिंह सहित बड़ी संख्या में समाजबंधु उपस्थित थे।
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