तेहरान/जेरूसलम। ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के शीर्ष सलाहकार और पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुख अली शमखानी का शुक्रवार को तेहरान के एक अस्पताल में निधन हो गया। यह घटना ऐसे समय हुई है जब इजरायल ने ईरान के भीतर कई रणनीतिक ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। इन हमलों की शुरुआत एक दिन पहले गुरुवार को हुई थी।
शमखानी की मौत की खबर ने राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है। हालांकि, सरकारी स्तर पर अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि उनकी मौत का इजरायली हमलों से प्रत्यक्ष कोई संबंध है या नहीं। ईरानी समाचार एजेंसी "नूर न्यूज" ने केवल यह जानकारी दी है कि वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे और शुक्रवार सुबह उनका निधन हुआ। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इजरायल की पुष्टि: "हम ईरान पर हमला कर रहे हैं"
गुरुवार को इजरायली सेना ने आधिकारिक बयान जारी कर बताया था कि वह वर्तमान में ईरान की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करने के लिए निशाना बना रही है। इजरायली डिफेंस फोर्सेज़ (IDF) के प्रवक्ता ने कहा:
"इस समय हम ईरान पर हमले कर रहे हैं। यह प्रतिक्रिया उन हमलों के खिलाफ है जो ईरान और उसके सहयोगी तत्वों ने इजरायल पर किए हैं। ईरानी खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है।"
इजरायली सेना ने यह भी स्पष्ट किया कि वह ईरान की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों के अड्डों पर केंद्रित हमले कर रही है और इस अभियान को तब तक जारी रखेगी जब तक खतरा समाप्त नहीं हो जाता।
अली शमखानी: एक रणनीतिक स्तंभ
68 वर्षीय अली शमखानी ईरान की राजनीति और सुरक्षा ढांचे का एक अहम चेहरा माने जाते थे।
वे 2013 से 2023 तक ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव रहे।
ईरान-इराक युद्ध के समय उन्होंने नौसेना की कमान संभाली थी।
2023 में सऊदी अरब और ईरान के बीच चीन की मध्यस्थता से हुई सुलह में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।
वे हाल तक खामेनेई के व्यक्तिगत सैन्य-रणनीतिक सलाहकार के रूप में कार्यरत थे।
उनकी मौत के समय पर सवाल उठना लाजमी है, क्योंकि वे ईरानी रणनीति के सबसे अनुभवी योजनाकारों में से एक थे और वर्तमान संकट में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही थी।
ईरान में बढ़ा तनाव, सरकार मौन
ईरानी सरकार ने अब तक अली शमखानी की मौत को लेकर कोई विशेष बयान जारी नहीं किया है। न ही यह बताया गया है कि उनकी मृत्यु किसी इजरायली हमले का परिणाम थी या किसी प्राकृतिक बीमारी से हुई।
हालांकि, तेहरान स्थित सूत्रों का कहना है कि शमखानी की मौत के बाद सुरक्षा एजेंसियों की आपात बैठकें शुरू हो गई हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के भीतर एक अस्थायी कार्यबल का गठन किया गया है।
क्षेत्रीय तनाव की नई पराकाष्ठा
इजरायल और ईरान के बीच यह ताजा टकराव ऐसे समय हो रहा है जब पश्चिम एशिया में पहले से ही हालात तनावपूर्ण हैं। लेबनान स्थित हिज़्बुल्लाह और यमन के हूती विद्रोही पहले ही इजरायली ठिकानों के खिलाफ हमलों की चेतावनी दे चुके हैं।
इस पूरे घटनाक्रम पर अमेरिका, रूस और चीन समेत कई देशों की नजर है। अमेरिका ने क्षेत्र में अपने सैन्य अड्डों को सतर्क कर दिया है, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।
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