कानपुर। कानपुर पुलिस ने मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी उमेश त्रिवेदी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी साल 2022 में कानपुर देहात जिले में दर्ज रंगदारी व गैंगस्टर एक्ट के मामले में गिरफ्तारी से बच रहा था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वह 2020 के बिकरू मामले के बाद पुलिस की वांछित सूची में था, जिसमें 3 जुलाई, 2020 को आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे।
पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था।
पूछताछ में उसने बताया कि गैंगस्टर विकास दुबे ने ही उसके हथियार का लाइसेंस बनवाया था, जिसके बल पर उसने रायफल खरीदी।
इसके बाद त्रिवेदी, विकास की गैंग में शामिल हो गया और उसके लिए काम करने लगा।
पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि उमेश त्रिवेदी के खिलाफ वर्ष 2022 में रंगदारी मांगने का मामला दर्ज किया गया था।
उन्होंने कहा कि उसके खिलाफ कार्रवाई की गई और गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। वह तब से पुलिस की गिरफ्तारी से बच रहा था।
उस पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया और उसे शिवली में मरहमाताबाद हवाई पट्टी के पास एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया। वह उन्नाव में अपने बहनोई के यहां भागने की फिराक में था।
एसपी ने कहा, पुलिस ने उसकी हरकत पर नजर रखने के बाद मरहमताबाद हवाई पट्टी के पास एक जाल बिछाया। पुलिस ने जब उसे आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, तो उसने गोली चला दी। पुलिस घेराबंदी कर उसे पकड़ने में कामयाब रही।
उसके पास से 315 बोर की एक पिस्टल और एक कारतूस के अलावा कई खाली कारतूस बरामद हुए हैं।
एसपी ने उसे गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को नकद इनाम देने की घोषणा की।
उमेश ने आगे पुलिस को बताया कि उसके पास केवल एक बीघा कृषि भूमि है।(आईएएनएस)
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