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जयपुर।
कौशल,नियोजन एवं उद्यमिता मंत्री डॉ. जसवन्त सिंह यादव ने कहा
कि राज्य सरकार प्रदेश के युवाओं को इस प्रकार से कौशल दक्ष कर रही है कि
उन्हें रोजगार की तलाश नहीं करनी पड़ेगी बल्कि रोजगार उनकी तलाश करेगा।
उन्होंने कहा कि हम राज्य में युवाओं को गुणवत्ता प्रशिक्षण प्रदान करने के
लिए उत्कृष्ठ कौशल विकास केन्द्रों की स्थापना कर रहे हैं।कौशल,
नियोजन एवं उद्यमिता विभाग द्वारा जयपुर के बिड़ला सभागार मेें तीसरे विश्व
युवा कौशल दिवस पर आयोजित राज्यस्तरीय समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में
सम्बोधित करते हुए उक्त विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि कौशल, नियोजन
एवं उद्यमिता विभाग कौशल प्रशिक्षण योजनाओं से 11 लाख से अधिक युवाओं को
रोजगार के अवसर प्रदान किये हैं। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण भारत में राज्य
को एसोचैम द्वारा लगातर 2 वर्षों तक कौशल विकास हेतु सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार
मिला है।
डॉ. यादव ने कहा कि राज्य की
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की सोच है कि देश के निर्माण हेतु
युवाओं को कौशल दक्ष बनाया जाए। इसी दिशा में कौशल नियोजन एवं उद्यमिता
विभाग कार्य कर रहा है। विभाग की ओर से आजिविका के नवीन क्षेत्रों से
युवाओं को जोड़ने का प्रयास भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अधिक से
अधिक युवाओं को कौशल दक्ष बनाने के लिए विभाग द्वारा स्किल आईकन्स, ब्राण्ड
अम्बेसेडर एम्प्रैन्टिस जैसे नवाचार के माध्यम से युवाओं को प्रोत्साहित
किया जा रहा है।युवाओं को कौशल प्रशिक्षण के साथ जोड़ने एवं उन्हे सशक्त
करने हेतु युनाइडेट नेशन्स द्वारा 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस घोषित
किया गया है।
इस अवसर पर राज्य के मुख्य सचिव और अध्यक्ष आरएसएलडीसी अशोक जैन ने बताया कि राज्य में स्किल
ट्रेनिंग शुरू कर आज हम लाखों युवाओं को रोजगार दक्ष बना रहे हैं एवं देश
में राजस्थान पहला राज्य है जहां कौशल हेतु सर्वप्रथम प्रशिक्षण आरंभ किया
गया। इसके साथ ही राज्य में कौशल प्रशिक्षण के लिए आधुनिक तकनिकों का भी
उपयोग किया जा रहा है।राजस्थान स्किल युनिर्वसिटी के वाइस
चांसलर ललित के पवांर ने बताया कि भारत युवाओं का देश है और हमारे पास
विश्व की सर्वाधिक युवा शक्ति है। उन्होंने कहा कि मूल रूप से मानव
मस्ति्ष्क को स्कल कहा जाता है और उसमेें आई जोड़ देने से यह स्किल में
परिवर्तित हो जाता है। स्किल के माध्यम से मानव विकास की ओर अग्रसर हो पाता
है।
कौशल नियोजन एवं उद्यमिता विभाग के शासन
सचिव टी.रविकान्त ने बताया कि युवाओं को रोजगारपरक एवं सशक्त बनाने
हेतु माननीय मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने 2004 में राजस्थान मिशन
ऑन लाइवलीहुड (आरमोल) का गठन किया था। कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता विभाग के
गठन के बाद कौशल प्रशिक्षण को एक नया रूप प्रदान किया गया है।
इस
अवसर पर राजस्थान कौशल एवं आजिविका विकास निगम के प्रबंध निदेशक
कृष्ण कुणाल ने विभागीय संरचना एवं कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से
जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम
(आरएसएलडीसी) में परिवर्तित कर दिया गया। आज कौशल, नियोजन एवं उद्यमिता
विभाग की तीनों इकाईयां आरएसएलडीसी, आई.टी.आई. एवं रोजगार विभाग लगातार
युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने एवं रोजगार के नये अवसरों से जोड़ने
में निरन्तर प्रयासरत है।
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