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जयपुर। राजस्थान स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और आईएएस एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में एचसीएम रीपा के न्यू एक्जीक्यूटिव हॉस्टल में "सामाजिक क्षेत्र में डिजिटल क्रांति के युग की शुरुआत" विषय पर लिखित पुस्तक का विमोचन मुख्य सचिव उषा शर्मा एवं डीजीपी उमेश मिश्रा द्वारा किया गया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव समित शर्मा द्वारा लिखी गई द्वारा लिखी गई इस पुस्तक में ई-गवर्नेंस का उपयोग करके आमजन को लाभ पहुंचाने के लिए अपनाए गए तरीकों के बारे में बताया गया है।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि सूचना तकनीक का उपयोग करते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में अभूतपूर्व काम हुए हैं।
उन्होंने कहा कि यह डिजिटल एंपावरमेंट का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि एक लोक सेवक के रूप में यह हमारा कर्तव्य है की हर व्यक्ति तक अपनी सेवाओं को पहुंचाएं और आमजन को योजनाओं का लाभ दें।
डॉ समित शर्मा ने पुस्तक के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि भारत देश डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन के युग में प्रवेश कर चुका है और आधार नंबर, मोबाइल क्रांति, यूनिक बैंक अकाउंट, ई रूपी, डिजिलॉकर, इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर सिस्टम, आदि अनेक डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है जो की ओपन एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस पर कार्य करते हैं। यह अनुकूल डिजिटल इकोसिस्टम हमें लाखों करोड़ों लोगों तक राजकीय योजनाओं का लाभ पहुंचाने हेतु उचित प्लेटफार्म उपलब्ध करवाता है। इसमें करोड़ों भारतीयों के वर्तमान को बेहतर और भविष्य को सुनहरा बनाने की संभावना छिपी है। आवश्यकता है पंक्ति के अंतिम छोर पर खड़े उस व्यक्ति तक इसे ले जाने की और तकनीक इसका सशक्त माध्यम हो सकती है।
उन्होंने कहा कि डिजिटिलाइजेशन के इस युग में सामाजिक सुरक्षा एवं समाज कल्याण के क्षेत्र में किस प्रकार सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग सुशासन हेतु किया जा सकता है, यह इस पुस्तक में 30 विभिन्न नवाचारों के माध्यम से दर्शाया गया है।
उन्होंने बताया कि लाभार्थियों तक लोक सेवाओं की पहुंच को सुनिश्चित करने, प्रक्रिया सरल बनाने, बाधा मुक्त वातावरण में, भ्रष्टाचार रहित तरीके से गुणवत्तापूर्ण एवं संतोषजनक सेवाएं तत्काल उपलब्ध कराने हेतु विभिन्न सफल तकनीकों का उल्लेख इस पुस्तक में किया गया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फेस रिकॉग्निशन टेक्निक, मेटा डेटा बेस्ड ऑटो अप्रूवल, चैट बॉट, डीप डेटा एनालिसिस, प्रिडिक्टिव एनालिटिक्स आदि से अनेक ऐसे राजकीय कार्य आज संभव है जो की कल्पना से भी परे हैं।
कार्यक्रम के प्रारंभ में कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ के के पाठक सचिव (वित्त) ने पुस्तक के बारे में विस्तार से बताया और डिजिटल युग में ऑनलाइन सेवाओं के महत्व के बारे में जानकारी दी।
भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार विभाग के सचिव राजस्थान कार्ड के श्री वी श्रीनिवास ने डिजिटल भारत के निर्माण में लोक सेवकों की भूमिकाओं के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह, डी जी भ्रष्टाचार निरोधक विभाग हेमंत प्रियदर्शी, प्रभात प्रकाशन के निदेशक पीयूष कुमार सहित कई वरिष्ठ आई ए एस, आईपीएस, आईएफएस एवं गण मान्य नागरिक कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन आई ए एस रवि जैन और आरूषी मलिक ने किया।
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