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हिमाचल कैबिनेट की बैठक में बड़े फैसले: रोजगार, मानदेय में बढ़ोतरी और पर्यावरण संरक्षण को मिली प्राथमिकता
khaskhabar.com: सोमवार, 19 मई 2025 5:59 PM
शिमला। हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें राज्य हित से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। यह बैठक न केवल प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर देने की दिशा में सार्थक रही, बल्कि कर्मचारियों की वेतन संबंधी मांगों, पशुपालन और पर्यावरण संरक्षण जैसे संवेदनशील विषयों पर भी ठोस निर्णय लिए गए।
बैठक में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय पशुपालन विभाग से जुड़ा रहा। मंत्रिमंडल ने पशु मित्र नीति-2025 को मंजूरी देते हुए मल्टी टास्क वर्कर (पशु मित्र) के एक हजार पदों को भरने का फैसला किया है। यह फैसला ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन की देखभाल को व्यवस्थित करने और स्थानीय युवाओं को रोजगार देने की दिशा में अहम साबित होगा।
शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। स्कूलों में पुस्तकालयों के बेहतर संचालन और छात्रों को पढ़ाई के अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (पुस्तकालय) के 100 पदों को भरने को मंजूरी दी गई है।
राजस्व विभाग में प्रशासनिक कार्यों को और सुदृढ़ करने के लिए वरिष्ठ सहायक के 10 पद तथा जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) के 15 पद सृजित करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश राज्य परिवहन अपीलीय न्यायाधिकरण, हमीरपुर में विभिन्न श्रेणियों के पांच पदों को भी भरने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
बैठक में आयुष विभाग से जुड़े फैसले के तहत आयुर्वेदिक फार्मेसी अधिकारियों के पांच पदों को बैचवाइज आधार पर भरने का निर्णय लिया गया है। यह परंपरागत चिकित्सा पद्धति के विस्तार और स्थानीय उपचार सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
राज्य सरकार ने गौवंश के संरक्षण की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया है। अब गौसदनों में रह रहे गौवंश के लिए दिए जाने वाले चारा अनुदान को प्रति गौवंश 700 रुपये से बढ़ाकर 1200 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। इससे गौसेवा में जुटे संस्थानों को सीधी राहत मिलेगी।
स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत तकनीकी स्टाफ को राहत देते हुए मंत्रिमंडल ने ऑपरेशन थियेटर सहायकों के मासिक मानदेय को 17,820 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करने का निर्णय लिया है। वहीं रेडियोग्राफरों और एक्स-रे तकनीशियनों के मानदेय को भी 13,100 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया है। सरकार का यह कदम स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्मचारियों के सम्मान और आर्थिक सुरक्षा की दिशा में एक बड़ी पहल माना जा रहा है।
पर्यावरण संरक्षण के तहत मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री ग्रीन अडॉप्शन योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत निजी उद्यमियों द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) के तहत राज्य के क्षरित वन क्षेत्रों में वृक्षारोपण किया जाएगा, जिससे हरियाली बढ़ेगी और पारिस्थितिक संतुलन को मजबूती मिलेगी।
शिमला नगर निगम क्षेत्र में घाटी की ओर होने वाले अव्यवस्थित निर्माण को रोकने के लिए मंत्रिमंडल ने नगर एवं ग्राम नियोजन नियम, 2014 में संशोधन को मंजूरी दी है। अब नए प्रावधान के अनुसार घाटियों की ओर निर्माण तभी हो सकेगा जब भवन का निर्माण सड़क स्तर से कम से कम एक मीटर नीचे किया जाएगा। यह फैसला शहर की प्राकृतिक सुंदरता को सुरक्षित रखने के लिहाज से बेहद अहम है।
इसी तरह शिमला जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल माता तारा देवी मंदिर से सटे वन क्षेत्र को शिमला विकास योजना के तहत हरित क्षेत्र घोषित किया गया है, ताकि वहां सतत विकास सुनिश्चित किया जा सके और अनावश्यक अतिक्रमण को रोका जा सके।
राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना-2023 के अंतर्गत ई-टैक्सियों को किराए पर लेने की व्यवस्था को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार करने को भी मंजूरी दी गई है। इससे पर्यावरण हितैषी परिवहन को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं को स्वरोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।
मंत्रिमंडल ने लोक निर्माण विभाग में भी संरचनात्मक बदलाव करते हुए विभाग के डिजाइन विंग को सिविल विंग में विलय करने की मंजूरी दी है। इससे विभाग की कार्यप्रणाली और अधिक सुव्यवस्थित और दक्ष होगी।
बैठक में कुल्लू जिले के निरमंड विकास खंड के तहत आने वाले पशु चिकित्सा औषधालय सराहन का नाम बदलकर अब पशु चिकित्सा औषधालय बागा-सराहन कर दिया गया है। इससे स्थानीय लोगों की भावनाओं को सम्मान मिलेगा।
इसी दिन मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से सरकारी और अर्ध-सरकारी ड्राइवर एवं क्लीनर संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की और उन्हें अपनी मांगों से अवगत करवाया। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि सरकार उनकी जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी और यथोचित कदम उठाएगी।
कुल मिलाकर इस बैठक में लिए गए निर्णय राज्य के समग्र विकास को नई दिशा देने वाले हैं। रोजगार के नए अवसरों से लेकर कर्मचारी हितों और पर्यावरण संरक्षण तक, सरकार ने हर क्षेत्र में संतुलित और दूरदर्शी फैसले लिए हैं। ये निर्णय प्रदेश की जनता के विश्वास को और मजबूत करते हैं।
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