• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

कश्मीर मसले पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता अस्वीकार्य, कांग्रेस ने सर्जिकल स्ट्राइक का कभी नहीं लिया श्रेय: अजय माकन

Third party mediation on Kashmir issue is unacceptable, Congress never took credit for surgical strike: Ajay Maken - Shimla News in Hindi

शिमला। सांसद अजय माकन ने आज पीटरहॉफ में आयोजित 'जय हिंद सभा' कार्यक्रम में कश्मीर मुद्दे पर भारत के रुख को दोहराते हुए कहा कि तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व सरकारों ने कभी सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय नहीं लिया, लेकिन वर्तमान सरकार इसे राजनीतिक रंग दे रही है। माकन ने वीर भूमि हिमाचल प्रदेश में आने की इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि यहां के सैनिकों ने हमेशा देश को गौरवान्वित किया है।

माकन ने कहा कि आजादी के बाद से भारत ने युद्ध के मैदान में हमेशा पाकिस्तान को धूल चटाई है। उन्होंने बताया कि देश ने पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक नहीं की; इससे पूर्व 2008, 2011, 2013 और 2014 में भी ऐसी कार्रवाईयां की गईं और पाकिस्तान को सबक सिखाया गया। उन्होंने जोर दिया कि इन सभी वीरतापूर्ण कृत्यों का श्रेय हमेशा देश की सेना को मिलना चाहिए, और कांग्रेस ने कभी इसका राजनीतिकरण नहीं किया, न ही अपनी पीठ थपथपाई।
पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए माकन ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों की बैठक में कांग्रेस ने सरकार को पूर्ण समर्थन दिया और निर्दोष लोगों की हत्या करने वालों को न छोड़ने की बात कही। उन्होंने प्रश्न उठाया कि दुनिया के सभी देशों ने पहलगाम हमले की निंदा की, लेकिन किसी ने पाकिस्तान की निंदा क्यों नहीं की। उन्होंने इसे विदेश नीति की असफलता बताया, विशेष रूप से 1971 के विपरीत जब अमेरिका के अलावा कोई देश पाकिस्तान के साथ नहीं खड़ा था।
माकन ने दुःख जताया कि पाकिस्तान को आईएमएफ से 20 हजार करोड़ रुपये का कर्ज मिल गया, जिसका विरोध किसी भी देश ने नहीं किया, जबकि पाकिस्तान इस राशि का इस्तेमाल भारत के खिलाफ करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र संघ से टीआरएफ को प्रतिबंधित नहीं करवा पाया, और पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या करने वाला एक भी आतंकवादी अब तक पकड़ा नहीं गया है।
शिमला समझौते का हवाला देते हुए सांसद अजय माकन ने कहा कि इसमें द्विपक्षीय बातचीत की बात कही गई थी, और दुनिया ने भारत की ताकत का लोहा माना था। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि आजादी के 75 वर्ष में पहली बार सेना की कुर्बानियों को अनदेखा कर दिया गया। उन्होंने सवाल किया कि भारत ने अमेरिका की मध्यस्थता को क्यों स्वीकार किया, और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आठ बार ट्रेड बंद करने की धमकी देकर सीजफायर क्यों करवाया गया। उन्होंने पूछा कि किन लोगों को फायदा पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है और सीजफायर किन शर्तों पर किया गया है।
सांसद रजनी पाटिल ने बताया कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने 'जय हिंद सभाओं' के आयोजन के निर्देश दिए हैं, जिनका उद्देश्य भारतीय सेना के शौर्य को सम्मान देना है। उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर का दौरा कर पीड़ित परिवारों से भेंट करने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरा देश सेना और केंद्र सरकार के साथ खड़ा था, लेकिन सीजफायर का ऐलान तीसरे देश ने किया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने 1971 में पाकिस्तान के दो टुकड़े किए और विश्व का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण करवाया था। उन्होंने सेना की बहादुरी पर गर्व व्यक्त किया और बताया कि हिमाचल प्रदेश के हर जिले से लोग देश की सेवा के लिए सेना में शामिल होते हैं। कांग्रेस ने जिला स्तर पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-Third party mediation on Kashmir issue is unacceptable, Congress never took credit for surgical strike: Ajay Maken
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: ajay maken, jay hind sabha, kashmir, surgical strike, pakistan, foreign policy, us mediation, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, shimla news, shimla news in hindi, real time shimla city news, real time news, shimla news khas khabar, shimla news in hindi
Khaskhabar.com Facebook Page:
स्थानीय ख़बरें

हिमाचल प्रदेश से

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

1 / 45

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

वेबसाइट पर प्रकाशित सामग्री एवं सभी तरह के विवादों का न्याय क्षेत्र जयपुर ही रहेगा।
Copyright © 2025 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved