हमीरपुर। हिमाचल भाजपा द्वारा शिमला में वर्तमान प्रदेश कांग्रेस सरकार के विरोध और प्रदेश विधानसभा का घेराब गैर वाजिब है। यह घेराव बिल्कुल आधारहीन विषयों पर प्रदेश की जनता का ध्यान भटकना और अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने से ज्यादा कुछ नहीं है। इस घेराव को हिमाचल की जनता का अपेक्षित समर्थन भी नहीं मिला है।
यह बात प्रदेश कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष एवं महासचिव राजेंद्र जार ने यहां जारी प्रेस बयान में कही।
जार ने कहा कि इस घेराव को पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में अपनी नाकामियों का ठीकरा अब वर्तमान सुक्खू सरकार पर फोड़ने में क्रियाशील है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश में सत्तासीन कांग्रेस सरकार ने आपदा डैमेज पर काबू पाने में अपना उत्कृष्ट भूमिका अदा की है। इस आपदा प्रबंधन की सराहना चारों ओर हो रही है।
प्रदेश से जुड़े हुए अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को भी इस सरकार ने उचित प्लेटफार्म पर बड़ी बेबाकी से उठाया है।
जार ने आगे कहा कि इस समय प्रदेश में तो भाजपा का ग्राफ बहुत नीचे उतर गया है, परंतु केंद्र में भी वर्ष 2024 में होने वाले संसदीय चुनावों में मोदी सरकार के खिलाफ नकारात्मक नतीजे की आहट पर एनडीए सरकार से धीरे-धीरे उसके कई सहयोगी संबंध विच्छेद कर रहे हैं।
हाल ही में तमिलनाडु से संबंध रखने वाली बड़ी राजनीतिक पार्टी अन्ना दुम्रक ने भाजपा से नाता तोड़ने की घोषणा की है। छल कपट की नीति बड़ी देर तक नहीं चलती है। भाजपा द्वारा आर्थिक तौर पर तहस-नहस की गई प्रदेश की अर्थव्यवस्था अब धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है।
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