नई दिल्ली। रायन इंटरनेशन स्कूल के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या के मामले में सीबीआई ने स्कूल की 11वीं कक्षा के एक छात्र को आरोपी बनाया है। सीबीआई का कहना है कि उस छात्र ने स्कूल की परीक्षाएं टालने के लिए प्रद्युम्न की हत्या की। वहीं परिजनों का कहना है कि उनका बच्चा बेकसूर है। सीबीआई ने इस 11वीं कक्षा के बच्चे को आरोपी बताते हुए कई दलीलें दी हैं। जबकि इस केस की पहले जांच हरियाणा पुलिस कर रही थी। हरियाणा पुलिस ने इस मामले में स्कूल के एक बस कंडक्टर को आरोपी बनाया था जो कि अभी जेल में बंद है। पहले तो अशोक ने प्रद्युम्न की हत्या की बात कबूल ली लेकिन बाद में वह अपने बयान से मुकर गया।
उसका कहना था कि ऐसा बयान देने के लिए स्कूल प्रशासन और पुलिस ने उस पर दबाव बनाया था। इस केस को देखकर आरुषि हत्याकांड की याद आ गई। कहीं ऐसा ना हो कि इस केस का हाल भी आरुषि हत्याकांड केस की तरह ना हो। गौरतलब है कि हाल ही आरुषि हत्याकांड में सीबीआई ने आरुषि के माता-पिता को ही दोषी ठहराया था।
आरुषि और नौकर हेमराज के केस में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने आरुषि के माता पिता को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद आरुषि के माता-पिता ने इंसाफ के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की। कई सालों तक जेल में बंद रहने के बाद पिछले दिनों सबूतों के अभाव में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। ऐसे में सीबीआई पर सवाल उठे।
प्रद्युम्न हत्याकांड में भी उठ रहे कई सवाल:
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