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प्रदेश में 247 मंडियां हैं। इनमें अनाज, तिलहन, दलहन व मसाले का
कारोबार होता है। यहां प्रतिदिन 1700 करोड़ का कारोबार होता था। जो अब 150
से 180 करोड के बीच ही रह गया है। मुहाना फल- सब्जी मंडी (टर्मिनल मार्केट)
में पिछले 10 दिन में फल व सब्जी की आवक आधी रही। व्यापारियों का कहना है
कि यहां कारोबार 15 से 20 प्रतिशत ही रह गया है। राजस्थान खाद्य व्यापार
संघ के बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि प्रदेश की मंडियों में रोजाना करीब 1700
करोड़ का कारोबार होता था। जो अब 150 से 180 करोड के बीच ही रह गया है।
जयपुर शहर की दो मंडियों चांदपोल व सूरजपोल मंडी में करीब 60 करोड़ का टर्न
ओवर रोजाना होता था जो 5 करोड़ के करीब ही रह गया है। किसान नकद रुपए
मांगते हैं, चेक से काम करना ही नहीं चाहते हैं। जयपुर व्यापार महासंघ के
अध्यक्ष सुभाष गोयल का कहना है कि शादी ब्याह का सीजन हैं, इसके बावजूद
बाजारों में रौनक नहीं बची हैं, खरीददार गायब हो गए हैं तो पैसा भी रोटेशन
में नहीं रहा। कुल मिलाकर आगे क्या फायदा होगा वो अलग बात हैं लेकिन नोट
बंदी ने मार्केट ठप कर दिए।
आलू- प्याज का कारोबार ठप
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