जयपुर। नोटबंदी के बाद नए नोट चलने लगे हैं लेकिन, बाजार थम गए हैं। देवोत्थान एकादशी जैसे बड़े सावे के दिन भी प्रदेशभर में बाजार बंद रहे थे। आयकर और सेल्स टैक्स की कार्रवाई के डर से तीन दिन तक ज्वैलर्स ने शोरूम ही नहीं खोले। अब शोरूम खुले भी हैं तो ग्राहक नहीं मिल रहे। अन्य कारोबार भी प्रभावित हुए हैं। फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री का आंकलन है कि अगर सिर्फ दो माह भी ऐसे ही हालात रहे तो राजस्थान को 1 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा। ज्वैलर्स का कहना है कि नोटबंदी के बाद ज्वैलरी कारोबार सिमटकर 10 प्रतिशत रह गया है। डायमंड ज्वैलरी के खरीदार तो आ ही नहीं रहे। शादी के सीजन में जयपुर में हर दिन करीब 40 करोड़ रुपए की ज्वैलरी बिक जाती थी। अब 4 करोड़ रुपए की भी सेल नहीं हो रही। नोट बंदी के बाद ज्वैलरी और जयपुरी रजाइयों का कारोबार सिमट कर दस फीसदी रह गया है। रॉयल वेडिंग बुकिंग रद्द होने से इवेंट मैनजेमेंट कंपनियां परेशान हैं। कुछ नामी ज्वैलर्स ने कुछ दिन से शोरूम ही नहीं खोले। पर्यटक और बाहर से शादी-ब्याह में आने वालों की तादाद घटने से जयपुरी रजाइयों के खरीदारों में बड़ी कमी आई है। शहर के ज्वैलर्स का कहना है कि नोट बंदी के बाद से सीजन बुरी तरह बिगड़ गया है। दिनभर दुकानें खोलने के बावजूद कुछ हजार रुपए का कारोबार भी नहीं हो रहा। ज्वैलरी कारोबार सिमटकर दस फीसदी रह गया है। डायमंड ज्वैलरी के खरीदार तो गायब ही हो गए हैं। जौहरी बाजार में कीमती रत्नों का कारोबार करने वाले इक्के-दुक्के नजर आ रहे हैं। इससे रत्न-आभूषण निर्यात पर भी असर पडऩे की आशंका है। वैसे भी निर्यातकों के लिए क्रिसमस सीजन बिगड़ गया है। पैसे की तंगी की वजह से निर्यातकों के लिए ऑर्डर पूरे करना मुश्किल हो गया है। एक नामी ज्वैलर्स के मुताबिक नोट बंदी के बाद खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा है। इस वजह से शोरूम ही बंद कर दिया। फिलहाल हालत में सुधार की संभावना कम है। बैंकों से पैसा नहीं मिल रहा। शोरूम का दैनिक खर्च उठाने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। रत्न के खरीदार नाम मात्र रह गए। गोल्ड ज्वैलरी कारोबार कम हो गए, तो डायमंड ज्वैलरी के तो खरीदार ही नहीं है। उधर, 15,000 ज्वैलरी कारीगरों के रोजगार पर संकट है। शोरूमों में काम करने वालों को भी नौकरी गंवानी पड़ सकती है। इस बारे में सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी के अध्यक्ष कैलाश मित्तल ने कहा कि नोट बंदी के बाद कारोबार में कमी आई है। नकदी नहीं होने से ग्राहक बाजार में नहीं आ रहे। कार्ड से भी 10,000 रुपए तक की ज्वैलरी ही बिक रही है। श्रीराजस्थान सर्राफा संघ के अध्यक्ष सुभाष गुप्ता ने कहा कि बाजार में पैसा नहीं है। चैक से सोना खरीदने वाले कम लोग हैं। 10 प्रतिशत कारोबार भी नहीं हो रहा है। ज्वैलर्स एसोसिएशन जयपुर के पूर्व अध्यक्ष विवेक काला ने कहा कि रत्न कारोबार में भारी गिरावट आई है। जौहरी बाजार में रत्न मंडी में सन्नाटा है। निर्यातकों का क्रिसमस सीजन खराब हो गया है।
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