शिमला । राज्यपाल आचार्य देवव्रत, जो हिमाचल प्रदेश बाल कल्याण परिषद
के अध्यक्ष भी हैं, ने परिषद द्वारा संचालित केन्द्रों के सभी सदस्यों तथा संबंधित
विभागों द्वारा नियमित दौरे करने की आवश्यकता पर बल दिया है, ताकि राज्य के विभिन्न
आश्रमों में रहने वाले बच्चों का बेहतर कल्याण सुनिश्चित बनाया जा सके। उन्होंने कहा
कि इससे समाज में मानवतावादी सोच विकसित होगी तथा प्रदान की जा रही सेवाएं और अधिक
व्यावहारिक होंगी। राज्यपाल
राजभवन में आयोजित हि.प्र. राज्य बाल कल्याण परिषद की वार्षिक आम बैठक में बोल रहे
थे। बैठक में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी उपस्थित थे।
परिषद
तथा विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए आचार्य देवव्रत ने कहा कि स्कूलों, आश्रमों,
बालवाड़ी केन्द्रों तथा क्रचों जैसे संस्थानों के माध्यम से विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियां
क्रियान्वित की जा रही हैं और इसमें और अधिक लोगों, गैर सरकारी संगठनों तथा मन्दिरों
इत्यादि को जोड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि संबंधित उपायुक्तों की अध्यक्षता
में स्थानीय समितियों का गठन किया जाना चाहिए, जो न केवल संस्थान की सेवा करेगी, बल्कि
इनके संचालन के लिए धनमार्थ धनराशि जुटाने में भी मदद करेगी।
राज्यपाल
ने सुझाव दिया कि मन्दिर न्यासों तथा साधन सम्पन्न लोगों को अपने आप को परमार्थ गतिविधियों
से संबद्ध करना चाहिए तथा वित्तीय सहायता एवं संसाधनों से संस्थानों की मदद के लिए
आगे आना चाहिए। आचार्य देवव्रत ने परिषद को चम्बा जिले के चिल्ली में अपने बालिका आश्रम
के भवन का निर्माण करने को कहा।
खासखबर EXCLUSIVE: यूपी में कितने सियासी तीर चले,और कितने चलेंगे
DGCA ने एयर इंडिया के बोइंग 787-8/9 फ्लीट पर सुरक्षा निरीक्षण बढ़ाने का दिया आदेश
अहमदाबाद विमान हादसा : हॉस्टल की छत से ब्लैकबॉक्स बरामद,AAIB ने जांच शुरू की
अहमदाबाद हादसे में जामनगर के दंपति की मौत, अलग विमान हादसे में गई थी बेटे की भी जान
Daily Horoscope