अमिताभ श्रीवास्तव,नई
दिल्ली। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव का अभी ऐलान नहीं हुआ है लेकिन चुनावी शतरंज
में चाल दर चालें चलीं जा रही हैं और अभी तुरुप के पत्ते आने बाकी है।
यूं तो पिछले दो साल से
समाजवादी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस चारों दल
रणनीति बनाने में जुटे रहे हैं और उन्हें अपने अपने स्तर पर अंजाम देने की कोशिश
करते रहे हैं। चुनावी माहौल की शुरूआत यूपी में कांग्रेस ने राहुल गांधी की 27 साल
बाद यूपी बेहाल नारे के साथ खाट सभाओं से की।एक तरह से पार्टी के रणनीतिकार
प्रशांत कुमार ने इन सभाओं के जरिए बिखरी कांग्रेस को एकजुट करने में गर्माहट लाने
की शुरूआत की लेकिन जैसा वे सोच रहे थे, कर नहीं पाए।
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