जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निर्देश पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने रविवार को शासन सचिवालय में जीका सहित मौसमी बीमारियों डेंगू, चिकनगुनिया स्वाइन फ्लू की समीक्षा की। उन्होंने जीका की रोकथाम के लिए किए जा रहे व्यापक प्रयासों की सघन मॉनीटरिंग के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जीका जानलेवा नहीं है और सामान्य पैरासीटामोल से इसका उपचार संभव है और समस्त चिकित्सा संस्थानों में यह दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बैठक में स्वास्थ्य सचिव एवं मिशन निदेशक एनएचएम नवीन जैन, नगर निगम आयुक्त डॉ. मोहनलाल यादव, एसएमएस प्रिंसीपल डॉ. सुधीर भंडारी, अधीक्षक डॉ. डीएस मीना, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. वी.के. माथुर सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे। बैठक में बताया गया कि जयपुर में जीका वायरस का पहला केस सामने आते ही स्वास्थ्य विभाग ने शास्त्रीनगर में व्यापक स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी। इस समय लगभग 330 टीमें घर-घर जाकर सर्वे करने के साथ ही एन्टीलार्वा कार्रवाई कर रही हैं।
अब तक लगभग डेढ़ लाख घरों का सर्वेक्षण कर लगभग तीन लाख से अधिक कंटेनर्स में एन्टीलार्वा कार्रवाई की जा चुकी है। बुखार से प्रभावित व गर्भवती महिलाओं की चिकित्सकीय सलाह अनुसार विशेष मॉनीटरिंग की जा रही है। अब तक लगभग डेढ़ हजार सैंपलों की जांच की जा चुकी है। इनमें से पॉजिटिव पाए गए अधिकांश व्यक्तियों में अब लक्षण नहीं हैं और वे जीका से रिकवर हो चुके हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीमों ने शहर का विस्तार से दौरा कर स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही रोकथाम कार्रवाई को पूर्णतः उपयुक्त बताया है।
जीका से घबराने की जरूरत नहीं
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