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एसएमएस प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी व वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. रमण शर्मा
ने कहा कि जीका प्राणघातक नहीं है और जीका का सामान्य बुखार की भांति
पैरासीटामोल से उपचार संभव है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हर बुखार में
जीका की जांच आवश्यक नहीं है। केवल चिकित्सक के परामर्श पर ही जांच कराने
की आवश्यकता है। जीका प्रभावित सामान्यतः 3 से 7 दिन में जीका के लक्षण से
मुक्त हो जाता है। जीका से किसी की मौत नहीं होती और न ही मरीज को भर्ती
कराने की आवश्यकता है। जीका प्रभावित कोई भी व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार
नहीं है।
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