जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सचिन पायलट ने प्रदेश सरकार द्वारा 300 सरकारी स्कूलों को पीपीपी मोड पर देने के फैसले पर रोक लगाने के पीछे गत उप चुनावों में सत्ताधारी पार्टी की शिकस्त को कारण बताया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पायलट ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही चिकित्सा, शिक्षा, भवन निर्माण, सड़कों सहित अधिकतर प्रोजेक्ट व योजनाओं को पीपीपी मोड पर देने का फैसला लिया था और कांग्रेस ने सरकार के इस जनविरोधी फैसले का शुरू से विरोध किया है। भाजपा सरकार ने 300 स्कूलों को पीपीपी मोड पर देने का जो फैसला लिया था, वह अनुचित था, क्योंकि इस फैसले से निजी कंपनी को अरबों रुपए की सरकारी संपत्ति से लाभान्वित किया जा रहा था।
उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला प्रदेश की शिक्षण व्यवस्था के खिलाफ था और इसका विरोध निरंतर जारी रहा। उन्होंने कहा कि गत उप चुनावों में जनता ने सरकार के इस जनविरोधी फैसले को सिरे से नकार दिया, इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव के परिदृश्य में सरकार ने मजबूर होकर स्कूलों को पीपीपी मोड पर देने के अपने पूर्ववर्ती फैसले पर रोक लगाई है। सरकार को रोक लगाने के स्थान पर स्कूलों को पीपीपी मोड पर देने के फैसले को निरस्त कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे पहले सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं का भी निजीकरण किया था, जिससे जनता को कोई लाभ नहीं पहुंचा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर स्कूलों के निजीकरण के भाजपा सरकार के फैसले को निरस्त कर सरकारी क्षेत्र में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाया जाएगा।
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