हेरिटेज सेंटर के मुख्य आकर्षण में 5 पुराने विमान और सैम तृतीया पिकोरा मिसाइल होगी ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
चंडीगढ़। केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को शहर में सुबह 10.10 बजे आएंगे। इसके बाद 11.30 बजे भारतीय वायुसेना के पहले विरासत केंद्र का शुभारंभ करेंगे। यहीं से वे सेंटर फॉर साइबर ऑपरेशन एवं सिक्योरिटी का अनावरण करेंगे। राजनाथ सिंह रायपुरकलां में दोपहर बाद 3.15 बजे निगम की नवनिर्मित गौशाला का शुभारंभ करेंगे। सैक्टर 46 के राजकीय कॉलेज के हास्टल ब्लॉक का नींव पत्थर रखेंगे। पैक यानी पंजाब इंजीनियरिंग कालेज के कुरुक्षेत्र लड़कों के हास्टल ब्लॉक का नींव पत्थर रखेंगे।
भारतीय वायुसेना की समृद्ध विरासत को संरक्षित और सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए युवाओं को प्रेरित करने के लिए 17000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला देश का पहला भारतीय वायुसेना विरासत केंद्र सरकारी प्रेस भवन, सेक्टर 18, चंडीगढ़ में स्थापित किया गया है। बता दें कि केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के निर्देश पर 3 जून 2022 को हेरिटेज सेंटर के लिए चंडीगढ़ प्रशासन और भारतीय वायुसेना के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे।
यह केंद्र विभिन्न युद्धों में भारतीय वायुसेना की भूमिका को भित्ति चित्रों और स्मृति चिह्नों के माध्यम से दर्शाता है और यह संवर्धित वास्तविकता, आभासी वास्तविकता, होलोग्राम, फ्लाइंग सिमुलेटर, एयरो इंजन, इलेक्ट्रो मैकेनिकल बाड़ों, मल्टीमीडिया और भारतीय वायुसेना के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने वाले इंटरैक्टिव कियोस्क जैसे सूचनात्मक प्रदर्शनों से सुसज्जित है।
हेरिटेज सेंटर के मुख्य आकर्षण में पांच पुराने विमान और सैम तृतीया पिकोरा मिसाइल हैं, जो दशकों से भारतीय आकाश की रक्षा कर रहे हैं। वायुसेना कानपुर-1 केंद्र के अंदर स्थापित है, जिसे 1958 में दिवंगत एयर वाइस मार्शल हरजिंदर सिंह वीएसएम-1,एमबीई द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया था। जीएनएटी विमान (सेबर स्लेयर) 1971 फेम शहर के मुख्य चौराहा पर प्रदर्शित किया गया है और मिग-21, एचपीटी-32, मिग-23 जैसे पुराने विमान केंद्र में स्थापित किए गए हैं जो ट्राइसिटी में लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण के रूप में काम करेंगे।
यह केंद्र 1948 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय वायुसेना की भूमिका से लेकर बालाकोट स्ट्राइक जैसे भारतीय वायुसेना के नवीनतम संचालनों का चित्रण करने वाले इलेक्ट्रो मैकेनिकल 3डी-डायरामास तक भारतीय वायुसेना के विभिन्न युद्ध अभियानों को चित्रित करने वाले भित्ति चित्रों की मदद से भारतीय वायुसेना के गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित करता है।
ऑग्मेंटेड रियलिटी एनक्लोजर और वर्चुअल रियलिटी एनक्लोजर आगंतुकों को लोंगेवाला की ऐतिहासिक लड़ाई के विषय में 3डी रीयल-टाइम अनुभव प्रदान करेगा। एक ऑडियो-विजुअल गैलरी समय के माध्यम से भारतीय वायुसेना की यात्रा को प्रस्तुत करेगी। इसके विकास से लेकर आधुनिक समय तक और साथ ही भारतीय वायुसेना पर प्रचार फिल्मों का पता लगाएगी।
आईएएफ की सूची पर विमान अवरोधन और विभिन्न विमानों को दर्शाते हुए होलोग्राफिक प्रोजेक्शन भी दिखाया जाएगा। केंद्र में स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान, प्रचंड हेलीकॉप्टर और एईडब्यू एवं सी. नेत्रा विमान जैसे प्रदर्शन पर गणतंत्र दिवस की झांकी के स्केल मॉडल हैं। जो आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि की दिशा में भारतीय वायुसेना की पहल के रूप में हैं।
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