संगरूर, होशियारपुर, नवांशहर। पंजाब के तीन युवकों का परिवार इस समय गहरे संकट में है। ये युवक पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए निकले थे, लेकिन अब वे अपने परिवारों से संपर्क में नहीं हैं। परिवारों का आरोप है कि ईरान में इनके अपहरण कर लिए जाने के साथ ही अपहरणकर्ताओं ने पाकिस्तान से ही फिरौती की मांग शुरू कर दी है।
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पिछले महीने होशियारपुर के भागोवाल गांव के 23 वर्षीय अमृतपाल सिंह, संगरूर के हुसनप्रीत सिंह और नवांशहर के जसपाल सिंह ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए घर से निकले थे। परिवार ने बताया कि इन्हें ऑस्ट्रेलिया का वीज़ा व वर्क परमिट दिलाने के लिए एजेंटों ने 18 लाख रुपये तक की रकम वसूली थी।
परिवार के अनुसार, युवकों को ईरान के रास्ते ऑस्ट्रेलिया भेजा जाना था, लेकिन वहां पहुंचते ही उनका अपहरण हो गया। ईरान में युवक हवाई अड्डे से टैक्सी के इंतजार में थे, लेकिन फिर वे होटल तक भी नहीं पहुंचे।
अमृतपाल सिंह की मां गुरदीप कौर ने बताया कि एजेंटों ने वीज़ा मिलने और टिकट की पुष्टि कर परिवार को विश्वास में लिया। लेकिन जब टिकट रद्द हुए, तब पता चला कि अब सीधे ऑस्ट्रेलिया जाना संभव नहीं है और उन्हें ईरान में रुकना पड़ेगा।
इसके बाद तीनों एजेंटों में से तीनों घर छोड़कर गायब हो गए, उनके घरों पर ताले लग गए। परिवार का कहना है कि एजेंटों ने धोखा दिया है और वे उन्हें वापस नहीं मिल रहे।
परिवार के अनुसार, अपहरणकर्ताओं ने वीडियो कॉल के जरिए युवकों को चोटिल कर रखा है और फिरौती के तौर पर दो करोड़ रुपये की मांग की है। बाद में यह रकम घटाकर तीनों युवकों के लिए 54 लाख रुपये (18 लाख प्रति व्यक्ति) कर दी गई।
गुरदीप कौर ने बताया, "पैसे भेजने के लिए जो खाता नंबर दिया गया है, वह पाकिस्तान का है।" परिवार अब इस दर्दनाक स्थिति में फंसा हुआ है और सरकार से युवकों को जल्द से जल्द सुरक्षित वापस लाने की गुहार लगा रहा है।
होशियारपुर के एसएचओ गुरसाहिब सिंह ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है और अपहरणकर्ताओं और एजेंटों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।
भारतीय दूतावास, तेहरान ने भी कहा है कि परिवारों ने लापता युवकों की सूचना दी है। दूतावास ने ईरानी अधिकारियों से संपर्क कर युवकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनकी खोज का अनुरोध किया है। परिवारों को दूतावास द्वारा लगातार सूचना दी जा रही है।
अमृतपाल सिंह के मामा गुरदेव सिंह कहते हैं, "करीब 10 दिनों से अमृतपाल का कोई पता नहीं है। परिवार की हालत बहुत खराब है।"
हुसनप्रीत सिंह के मोहल्ले के पार्षद भूपिंदर सिंह ने प्रशासन से कहा, "लड़के को तुरंत सुरक्षित भारत लाया जाए।" हुसनप्रीत का घर भी बंद है और परिवार के लोग रिश्तेदारों के पास चले गए हैं।
जसपाल सिंह की मां नरिंदर कौर ने बताया कि उनका बेटा एक मई को तेहरान हवाई अड्डे पर पहुंचा था, लेकिन उसके बाद से लगातार फिरौती के फोन आ रहे हैं। वे कोई पैसा नहीं दे पाए हैं और 14 दिन से उनका कोई संपर्क नहीं है।
यह घटना पंजाब के उन हजारों परिवारों के लिए चेतावनी है जो विदेश भेजने के नाम पर एजेंटों के भरोसे रहते हैं। सरकार और प्रशासन को तुरंत इस मामले में सक्रिय होकर पीड़ितों को राहत देनी होगी। इसके साथ ही, युवाओं को अवैध और अनिश्चित मार्गों से विदेश जाने के खतरों के प्रति जागरूक करना जरूरी है।
पुलिस जांच जारी
पंजाब पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपी एजेंटों व अपहरणकर्ताओं को पकड़ने की कोशिश में जुटी है। परिवार अब बस अपनी जान के खिलाफ इस लड़ाई में जल्दी से जल्दी अपने बच्चों की सुरक्षित वापसी की उम्मीद कर रहे हैं।
ईरान में लापता तीन भारतीयों के मामले पर विदेश मंत्रालय का बयान
नई दिल्ली: ईरान में लापता हुए तीन भारतीय नागरिकों को लेकर विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को स्थिति स्पष्ट की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि ये तीन युवक कुछ समय पहले तेहरान पहुंचे थे, लेकिन उसके बाद वे लापता हो गए हैं। मंत्रालय इस मामले में ईरानी अधिकारियों के संपर्क में है और युवकों की सुरक्षा एवं शीघ्र घर वापसी के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमें ईरानी पक्ष से अच्छा सहयोग मिल रहा है और हम लापता लोगों के परिवारों के संपर्क में भी हैं। हम हर तरह से कोशिश कर रहे हैं कि इन युवकों का जल्द पता लगाया जाए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो।"
मामले का संक्षिप्त परिचय
पंजाब के संगरूर, होशियारपुर और नवांशहर के तीन युवक पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए निकले थे। परिवारों का दावा है कि वे ईरान में अपहरण का शिकार हो गए हैं और अपहरणकर्ताओं ने फिरौती की मांग भी शुरू कर दी है।
भारतीय दूतावास की भूमिका
ईरान स्थित भारतीय दूतावास ने भी परिवारों से सूचना मिलने के बाद तुरंत मामले को ईरानी अधिकारियों के सामने उठाया। दूतावास ने जोर देकर कहा है कि लापता भारतीयों का तुरंत पता लगाया जाए और उनकी सुरक्षा की जाए। साथ ही, परिवार के सदस्यों को दूतावास लगातार इस मामले में जानकारी देता रहा है।
सरकार का संकल्प
विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारत सरकार इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है और युवकों की सुरक्षा एवं उनके परिवारों के प्रति जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। युवकों की जल्द से जल्द सुरक्षित वापसी के लिए ईरानी अधिकारियों से सहयोग जारी है।
यह मामला भारत के उन लाखों नागरिकों के लिए चिंता का विषय है जो विदेश यात्रा करते हैं। सरकार और प्रशासन को ऐसे मामलों में समय रहते कदम उठाकर सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी भारतीय नागरिक को ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े।
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