गुवाहाटी। अब बुजुर्ग मां-बाप की जिम्मेदारी उठाने से भागने वाले सरकारी कर्मचारियों की सैलरी से पैसे काटे जाएंगे। असम की सर्वानंद सोनोवाल सरकार ने इसके लिए ऐतिहासिक कानून बनाया है। आपको बता दें कि पहली बार किसी सरकार ने बुजुर्गों के हितों के लिए इस तरह का कानून बनाया है। असम विधानसभा में शुक्रवार को यह ऐतिहासिक बिल पास हुआ। अब राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद यह कानून लागू हो गया जाएगा। असम एम्पलॉयीज पैरंट्स रेस्पॉन्सिबिलिटी ऐंड नॉर्म्स फॉर अकाउंटैबिलिटी ऐंड मॉनिटरिंग बिल-2017 नाम के इस कानून को असम एम्पलॉयीज प्रणाम बिल के नाम से जाना जाता है।
कानून के मुताबिक अगर राज्य सरकार का कोई कर्मचारी अपने माता-पिता की जिम्मेदारी उठाने से भागता है तो सरकार उसकी सैलरी का 10 प्रतिशत हिस्सा काट लेगी और उसे मां-बाप के खाते में ट्रांसफर कर देगी। अगर कर्मचारी का कोई भाई या बहन दिव्यांग है तो उसकी सैलरी से 5 प्रतिशत अतिरिक्त कटौती होगी।
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