एक अच्छी केमिस्ट्री का होने सुखी जीवन का आधार होता है। रिश्तों में
केमिस्ट्री की जरूरत शादी के कुछ सालों बाद ज्यादा पडती है, क्योंकि तब
शादी में प्यार की जगह कई तरह की जिम्मेदारियां ले लेती हैं। पति-पत्नी
एक-दूसरे को उतना टाइम नहीं दे पाते या यूं कहें कि शादी के कुछ सालों बाद
प्यार का रूपांतर ही केमिस्ट्री में हो जाता है। कहने का तात्पर्य यह है कि
सिर्फ प्यार के आधार पर रिश्तों को जीवित रखना मुश्किल है, लंबी रेस के
लिए सही केमिस्ट्री का होना जरूरी है। प्यार भरे रिश्तों की बेहतरी तभी है
जब इसकी सही केमिस्ट्री कायम हो। इस केमिस्ट्री को जानना और बनाए रखना बहुत
जरूरी है। कभी-कभी हमारा ज्ञान विज्ञान से अलग होता है लेकिन यहां दोनों
एकमत हैं। कैसे, आइए जानते हैं
याद
रखिए कि जो जैसा है वह वैसा ही रहता है। आप उसमें सुधार भले ही ले आएं,
लेकिन उसे पूरे तौर पर बदलना नामुकिन है। जो परिवर्तन आप अपने साथी में
लाना चाहते हैं उन्हें अपने पर रख कर देखिए कि क्या आप उस तरह से अपने को
बदल सकते हैं। नहीं, तो फिर दूसरे से यह उम्मीद क्यों रखना। व्यक्ति जिस
वातावरण और समाज में पला-बढा होता है, उसके व्यक्तितत्व में कुछ गुण
अपने-आपआ जाते हैं। जिन्हें बदलना कठिन होता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शादी के बाद आपकी जिम्मेदारियां समाप्त नहीं हो जाती, बल्कि और बढ जाती
हैं। विवाह पूर्व आप दो थे अब दोनों के परिवार भी शामिल हो जाते हैं। ऐसे
में प्रेम का कहीं लोप न हो जाए, इसके लिए प्रयास करते रहें। कभी कोई फिल्म
तो कभी कैंडल लाइट डिनर को अपनी दिनचर्या में जगह में दें।
हर
विषय को सहजता से लेने की कोशिश करें। जबरदस्ती उन्हें मुद्दा बनाने से
कुछ हासिल नहीं होगा। सामने वाले की बात को धैर्य से सुनिए व समझिए। पहले
उसे अपनी बात समझाने का प्रयास जरूर करिए। संबंधों को जितनी सहजता से
लेंगे, संबंध उतने ही बेहतर रह पाएंगे।
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