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जयपुर । प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने प्रदेश में सार्वजनिक निजी सहभागिता के आधार पर संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर के बनाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने इन स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्साकर्मियों की उपलब्धता की कड़ी निगरानी रखने के भी निर्देश दिये हैं। राठौड़ ने मंगलवार को सार्वजनिक निजी सहभागिता के आधार पर संचालित विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों की विस्तार से समीक्षा की। विश फाउन्डेशन प्रदेश में 32 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं 162 उपस्वास्थ्य केन्द्रों का सार्वजनिक निजी सहभागिता के आधार पर संचालन कर रहा है।चिकित्सा मंत्री ने पीपीपी मोड पर संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में अनवरत 24 घंटे स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराने की आवश्यकता बताई गई । प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती वीनू गुप्ता ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व उपस्वास्थ्य केन्द्रों में आवश्यक निर्माण एवं पुर्ननिर्माण आदि करवाने के साथ ही आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराये जा रहे हैं।विश फाउन्डेशन के डाॅ. सौमित्रो घोष ने बताया कि उन्हें दी गयी पीएचसी में टेलीमेडिसन की सुविधा सुलभ करवायी जा रही है। इससे पीएचसी स्तर पर ही विशेषज्ञ चिकित्सकों का परामर्श मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि विश फाउन्डेशन द्वारा उनके स्वास्थ्य केन्द्रों में अत्याधुनिक उपकरण भी सुलभ करवाये जाने की योजना है। उन्होंने आखाों की पुतलियों की जांच से बीमारियों का पता लगाने जैसी तकनीक के बारे में भी जानकारी दी।
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