लखीमपुर खीरी / लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सबसे
बड़े जिले लखीमपुर-खीरी के मुख्यालय पर हिंदू बहुल इलाके में सलीम सिद्दीकी (65)
मोटरसाइकिल की मरम्मत का कार्य करते हैं। सलीम का मानना है कि एक
महीने पहले हुए सांप्रदायिक विवाद से ऐसा लगता है मानों शहर की मासूमियत कहीं खो
गई है। यह सांप्रदायिक विवाद आसपास के इलाकों में भी फैल गया था।
अब जब हालात सामान्य हो रहे हैं तो राज्य सरकार के साथ शहर भी बदलता
सा दिख रहा है। सांप्रदायिक विभाजन साफ तौर पर दिख रहा है।
सिद्दीकी ने आईएएनएस के संवाददाता से कहा, "बहुत कुछ बदल गया है..इस नजरिये से अपने शहर को कभी नहीं देखा था। दोनों
समुदायों के लोग साथ बैठकर बातचीत करते और चाय पीते थे, लेकिन
कहीं न कहीं उस घटना की वजह से कटुता पैदा हो गई है।"
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजों के घोषित होने से नौ दिन
पहले दो मार्च को दो युवकों द्वारा हिंदू देवी-देवताओं के आपत्तिजनक वीडियो बनाने
और प्रसारित किए जाने के मामले ने शहर को सांप्रदायिक तनाव की गिरफ्त में ले लिया।
इसे लेकर एक सप्ताह से ज्यादा समय तक कई घटनाएं हुईं। बाजार बंद
रहे। इसी की आड़ में निजी विवाद को गुंडागीरी के बल पर सुलझाया गया, बड़ी संख्या में लोगों की गिरफ्तारियां हुईं, गोलीबारी
में दो हिंदू पुरुष घायल हो गए और अगले कुछ दिनों तक कर्फ्यू लगा रहा।
बुजुर्ग लोगों का कहना है कि उन्हें याद नहीं कि पिछली बार शहर में
कर्फ्यू कब लगा था।
कई स्थानीय गुंडों के साथ-साथ दोनों युवकों को गिरफ्तार किया गया और
शहर के एक कारोबारी को कथित तौर पर भीड़ पर गोली चलाने के लिए गिरफ्तार किया गया।
भीड़ ने व्यापारी को दुकान बंद करने के लिए बाध्य किया था।
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