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अवनीश पाराशर
करौली। चैत्रमास में शक्तिपूजा का विशेष महत्व रहा है। राजस्थान के करौली जिला मुख्यालय से दक्षिण दिशा की ओर 24 किलोमीटर की दूरी पर पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य त्रिकूट पर्वत पर विराजमान कैला मैया का दरबार चैत्रमास में लघुकुम्भ नजर आता है। उत्तरी-पूर्वी राजस्थान के चम्बल नदी के बीहडों के नजदीक कैला ग्राम में स्थित मां के दरबार में बारह महीने श्रद्धालु दर्शनार्थ आते रहते हैं लेकिन चैत्र मास में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले वार्षिक मेले में तो जन सैलाब उमड़ पडता है।
हिंदू धर्म पुराणों में माता के शक्तिपीठों का वर्णन किया गया है। पुराणों जहां-जहां देवी सती के अंग के टुकड़े, वस्त्र और गहने गिरे, वहां-वहां मां के शक्तिपीठ बन गए। ये शक्तिपीठ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैले हैं। पाकिस्तान में भी हिंगलाज शक्तिपीठ है। देवी भागवत में 108 और देवी गीता में 72 शक्तिपीठों का जिक्र किया गया है। वहीं देवी पुराण में 51 शक्तिपीठ का जिक्र है। इन्हीं शक्तिपीठों में से एक है कैला माता।
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