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विद्युत आपूर्ति में व्यवधान नहीं होने देंगे- ऊर्जा राज्य मंत्री

Advance stock of coal in thermal power projects, Do not let interference in power supply said  Minister of State of Energy Pushpendra Singh - Jaipur News in Hindi

जयपुर। ऊर्जा राज्य मंत्री पुष्पेन्द्र सिंह ने सोमवार को राज्य विधानसभा में कहा कि राज्य की समस्त तापीय विद्युत परियोजनाओं में कोयले का 6-7 दिन का एडवांस स्टॉक है और मांग के अनुसार कोयले की नियमित आपूर्ति हो रही है। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि कोयले की कमी से विद्युत आपूर्ति में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं होने दिया जाएगा।
सिंह सदन में प्रश्नकाल के दौरान विधायकों की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि दिसम्बर से लेकर आज तक किसी भी तापीय विद्युत परियोजना को कोयले की कमी के कारण बंद नहीं किया गया है।

सिंह ने स्पष्ट किया कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सी.ई.ए.) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप पिटहैड से दूर होने पर तापीय विद्युत परियोजना के लिए 30 दिन का कोयले का भंडारण होना आवश्यक है। लेकिन कोल इंडिया का उत्पादन कम होने की वजह से और रेलवे रैक्स नहीं मिल पाने की वजह से यह भंडारण मानक स्तर तक नहीं हो पा रहा है।

उन्होंने बताया कि इस संबंध में केन्द्र सरकार के साथ पत्र व्यवहार किया गया है और मुख्यमंत्री ने भी इस संबंध में केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल से वार्ता की है। सिंह ने बताया कि प्रदेश में 16 रैक्स की खपत है और 17-18 रैक्स की नियमित आपूर्ति हो रही है।

ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में जहां 4.26 रुपए प्रति यूनिट की लागत आ रही थी, आज वह घटकर 4.06 रुपए प्रति यूनिट रह गया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में जहां राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम 2600 करोड़ रुपए के वार्षिक घाटे में था, वहीं यह अब 400 करोड़ के लाभ में आ गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में यह 700-800 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष के लाभ में होगा।

इससे पहले विधायक बृजेन्द्र सिंह ओला के मूल प्रश्न के जवाब में ऊर्जा राज्य मंत्री ने बताया कि राज्य में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम की इकाईयां मुख्य रूप से कोयले पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि कोटा तापीय विद्युत परियोजना की सात इकाइयां, सूरतगढ़ तापीय विद्युत परियोजना की छह इकाइयां, छबड़ा तापीय विद्युत परियोजना की चार इकाइयां, कालीसिंध तापीय विद्युत परियोजना की दो इकाइयां और गिरल लिग्नाइट पावर लिमिटेड परियोजना की दो इकाइयां कोयले पर आधारित हैं। सिंह ने तापीय विद्युत परियोजनाओं की कुल उत्पादन क्षमता (मेगावॉट) का विवरण सदन के पटल पर रखा।

ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान में कोयला आधारित विद्युत गृहों की इकाइयां पूर्ण क्षमता पर काम कर रही हैं एवं इन इकाइयाें को प्रतिदिन विद्युत उत्पादन हेतु आवश्यक कोयले की आपूर्ति हो रही है। उन्होंने कहा कि इन इकाईयों का संचालन राज्य भार सम्प्रेषण केंद्र, जयपुर के निर्देशानुसार एवं ग्रिड की आवश्यकतानुसार पूर्ण विद्युत उत्पादन क्षमता पर किया जा रहा है।

सिंह ने कहा कि वर्तमान में उक्त तापीय विद्युत परियोजनाओं की इकाइयों को प्रतिदिन उत्पादन के लिए आवश्यक कोयले की आपूर्ति हो रही है, परन्तु कोल इण्डिया लिमिटेड एवं रेलवे के कारण केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सी.ई.ए.) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप मानक स्तर पर कोयले का भण्डारण नहीं हो पा रहा है।

सिंह ने कहा कि वर्तमान में उक्त इकाइयों को प्रतिदिन उत्पादन के लिए आवश्यक कोयले की आपूर्ति हो रही है तथापि सी.ई.ए. के मानकों के अनुसार कोयले के भण्डारण हेतु व्यापक स्तर पर प्रयास जारी हैं।


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Web Title-Advance stock of coal in thermal power projects, Do not let interference in power supply said Minister of State of Energy Pushpendra Singh
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