इंदौर। संस्था करुणा सागर के पदाधिकारी राजू सागर ने एक नई पहल की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य शोक में भी संवेदनाओं को बनाए रखना है। इस पहल के तहत, जब किसी परिवार में गमी होती है, तो शव यात्रा में फूलों की माला की बजाय लकड़ी की माला का उपयोग किया जाएगा। शनिवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजू सागर ने इस नवाचार के बारे में मीडिया को जानकारी दी।
राजू सागर ने बताया कि लकड़ी की माला का उपयोग करने से यह माला चिता के साथ अग्नि में जल जाएगी, जो मृतक के प्रति श्रद्धांजलि देने का एक नया तरीका है। उन्होंने यह भी कहा कि संस्था करुणा सागर शहर के सभी शमशान घाटों पर लकड़ी के फूलों की माला उपलब्ध कराने की योजना बना रही है।
इस पहल की शुरुआत इंदौर के पंचकुइया मुक्तिधाम से सोमवार से होगी, और धीरे-धीरे इसे शहर के अन्य मुक्तिधामों में भी लागू करने का इरादा है। राजू सागर ने कहा, "इसका मुख्य उद्देश्य है कि मृतक के प्रति संवेदना और श्रद्धा व्यक्त की जा सके। पुष्प माला शव के ऊपर डालने के बाद फेंक दी जाती है, जिससे पैसे की बर्बादी होती है। लेकिन लकड़ी की माला दाह संस्कार तक शव के साथ रहेगी।"
राजू सागर ने यह भी बताया कि फिलहाल यह लकड़ी के फूलों की माला मैसूर से मंगाई जा रही है और इसे इंदौर के पूजन सामग्री दुकानों पर भी उपलब्ध कराया जाएगा।
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