नई दिल्ली। मध्यप्रदेश की राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। मध्यप्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार तक मामला टल गया है। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार साढे दस बजे फिर सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर से सवाल किया कि आखिर आपने विधायकों के इस्तीफे पर अभी तक निर्णय क्यों नहीं लिया? क्या ये विधायक अपने आप अयोग्य नहीं हो जाएंगे? अगर आप संतुष्ट नहीं हैं, तो आप विधायकों के इस्तीफे को अस्वीकार कर सकते हैं। आपने 16 मार्च को बजट सत्र को टाल दिया। अगर आप बजट को पास नहीं करेंगे, तो राज्य सरकार का कामकाज कैसे चलेगा?
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही मुकुल रोहतगी की ओर से कहा गया कि वो AGR के मामले में सुनवाई के लिए जाना चाहते हैं, जिसके बाद अदालत ने उनकी बात मान ली है। कांग्रेस के वकील दुष्यंत दवे की ओर से सुनवाई के दौरान 10th शेड्यूल लागू करने की मांग की गई। इस पर जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि हम इसके अंतर्गत नहीं आते हैं। इसके बाद दुष्यंत दवे ने कहा कि विधायक इस तरह इस्तीफा नहीं दे सकते हैं, उन्हें जनता के बीच में जाना चाहिए। अदालत में मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने अपना जवाब देने के लिए समय मांगा है। इसपर मुकुल रोहतगी ने आपत्ति जाहिर कर दी है।
अपडेट...
- सुप्रीम कोर्ट में शिवराज सिंह की तरफ से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने इसे कांग्रेस की
चाल बताई। उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट कहे तो वह सभी 16 विधायकों को पेश
कर सकते हैं, इसपर अदालत ने कहा कि इसकी जरूरत नहीं है।
-दिग्विजय सिंह ने कनार्टक हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। इसमें कहा गया है कि वह राज्यसभा के लिए चुनाव लड रहे हैं। इसलिए मुझे कांग्रेस के विधायकों से मिलने दिया जाए।
- सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि सरकार ने केवल छह विधायकों के इस्तीफे क्यों स्वीकार किए हैं। इसका जवाब देते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि वे मंत्री हैं । इसलिए इस्तीफा स्वीकार किया गया है।
-इस मामले की सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच कर रही है।
-कुछ कांग्रेस के बागी विधायकों ने विडियो जारी कर दिग्विजय सिंह से मिलने से इनकार कर दिया है। दरअसल विधायकों की बगावत के बाद मध्य प्रदेश सरकार संकट में है और कांग्रेस की पूरी कोशिश है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले वह 16 बागी विधायकों की घर वापसी करवा ले। दिग्विजय इसी मुहिम के तहत बेंगलुरु में डेरा डाले हुए हैं। इस बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री से मिलने का वक्त मांगा है।
- मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को बेंगलुरु में हिरासत में लेना बहुत दुखद है। यदि जरूरत पड़ी तो मैं भी बैंगलुरु जाऊंगा।
दूसरी ओर, आज सुबह कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह बागी विधायकों से मिलने के लिए बेंगलुरू पहुंचे । होटल में बागी विधायक नहीं मिलने की स्थिति में वे होटल के बाहर धरने पर बैठ गए। पुलिस ने उनको हिरासत में ले लिया है।इसके बाद वे भूख हड़ताल पर बैठ गए।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का बेंगलुरु एयरपोर्ट पर उनका स्वागत कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने किया। वे दोनों नेता रमदा होटल में बागी विधायकों से मिलने पहुंचे लेकिन पुलिस ने उनसे मिलने नहीं देने पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह धरने पर बैठ गए हैं। पुलिस ने दिग्विजय सिंह को हिरासत में ले लिया। इस दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा कि हम कांग्रेस विधायकों की वापस आने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन जब हमने देखा कि वे वापस आ रहे हैं, उनके परिवारों से संदेश आए ... मैंने व्यक्तिगत रूप से 5 विधायकों से बात भी की। इसके बाद उन्होंने कहा कि वे बंदी हैं, फोन छीन लिया गया है, हर कमरे के सामने पुलिस है।
इस बीच दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं कांग्रेस की ओर से राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी हूं। ये कांग्रेस विधायक मेरे वोटर हैं और इनसे मुझे मिलने नहीं दिया जा रहा। भाजपा ने इन्हें यहां बंधक बना रखा है। पुलिस मुझे यह बता रही है कि उन विधायकों को मुझसे खतरा है। दिग्विजय सिंह के साथ कांतिलाल भूरिया और तरुण भनोत सहित कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डीके श्रीवास्तव भी है।
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